
Lata Mangeshkar left school because of Asha Bhosle
एक बार आशा भोंसले ने जिद ठान ली की अपनी दीदी यानी की लता मंगेशकर के साथ स्कूल जाऊंगी। वो अपनी दीदी के साथ स्कूल पहुंच गईं। लता उन्हें अपनी ही क्लास में लें गईं, जबकी आशा उनकी छोटी बहन थीं। स्कूल में उनकी टीचर ने उन्हें डांटा, इसलिए नहीं डांटा क्योंकी अपनी क्लास में अपनी छोटी बहन को वो लेकर आईं थी, बल्कि इसलिए डांटा की 'एक की फीस में दो बहने पढ़ोगी, हम नहीं पढ़ाएंगे।' इसके बाद जब वो घर आईं, तो उनके पिता हृदयनाथ मंगेशकर ने कहा कि स्कूल छोड़ दो, अब घर पर हीं आपकी पढ़ाई होगी। तो आशा भोंसले के चक्कर में लता मंगेशकर का भी स्कूल छूट गया। फिर घर पर ही पढ़ाई होने लगी।
लता मंगेशकर और आशा भोंसले के पिता थिएटर में एक्टर थे, और नाटक कंपनी चलाया करते थे। और उनके पिता को फिल्मों में गाने पर सख्त ऐतराज था, वो नहीं चाहते थे कि मेरी बेटियां फिल्मों में गाने गाएं। उनको क्या पता था कि आगे जाकर उनकी बेटियां ऐसा नाम करेंगी कि पिता जहां भी होंगे उनका सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा। उनके पिता बहुत कम उम्र में ही चल बसे थे। और लता मंगेशकर पर जिम्मेदारी आ गई घर संभालने की। आशा भोंसले ने भी सोचा कि कुछ किया जाए। हांलाकि आशा भोंसले ने अपने इंटरव्यु में कहा था, "मैं टिपिकल इंडियन वूमेन हूं। मैं घर का खाना बनाना, घर की सफाई करना, इन सब चीजों में मुझे ज्यादा मजा आता है। मैं चाहती हीं नहीं थी कि मैं बाहर जाकर कुछ काम करुं।" लेकिन किस्मत ने आशा भोंसले के लिए कुछ और हीं तय कर रखा था।
उनकों एक गुरु मिले जिनका नाम था 'शंकर व्यास'। उनसे उन्होंने संगीत सिखना शुरु किया, संगीत में 10 राग होते हैं, जब पहला राग आशा ने गाया, तो उनके गुरु उन्हें गौर से देखा और ऑबजर्ब किया। तो आशा को लगा कि मैंने बहुत गलत गाया है, अब डांट पड़ेगी। तो आशा ने उनसे पूछा कि, "क्या मैं फैल हो गई?" उनके गुरु ने कहा, "तुम्हारी आवाज अच्छी है, मेरे घर आ जाना, एक पिक्चर बन रही है, उसमें तुम्से गाना गवाऊंगा।" इसके बाद धीरे-धीरे आशा भोंसले ने गाना गाना शुरु किया। शुरुआत में उन्हें कोरस सिंगर की आवाज में गाने के लिए कहा जाता था, और छोटे मोटे गाने दिए जाते थे।
एक संगीतकार थे, सजाद हुसैन, वो बहुत ही शख्त मीजाज और शख्च किस्म के थे। उनसे लोग डरते थे। आशा भोंसले उनके पास गईं और उनसे कहा कि मुझे गाना तो आता नहीं है तो आप ही सिखा दीजिए। तो सजाद हुसैन ने कहा कि ठीक है मैं तुम्हें डांटुगां नहीं, मैं तुम्हें सिखाऊंगा। इस तरह आशा भोंसले का सफर शुरु हो गया, लेकिन मुसीबते भी साथ में शुरु हो गईं। लता मंगेशकर को अपनी बड़ी बहन लता मंगेशकर के सेक्रेटरी गड़पत राव भोंसले के साथ प्यार हो गया, और आशा ने अपना घर छोड़ दिया और गड़पत राव भोंसले से शादी कर ली और अलग रहने लगीं। उनके दो बच्चे हुए, और जब तीसरी बार आशा प्रेग्नेंट हुई तो उनके पती से किसी बात के लिए अनबन हो गई और उनके पति ने उन्हे घर से निकाल दिया। उसके बाद आशा अपने घर आ गईं।
उस दौर में लता मंगेशकर, शमशाद बेगम और गीता दत्त, इन तीन सिंगर का जादू लोगों के सर चढ़कर बोलता था। इनके अलावा किसी की इंडस्ट्री में एंट्री ही नहीं हुआ करती थीं। और कहा जाता है कि लता और आशा के बीच तनाव का माहौल हुआ करता था, हालांकि दोनों बहनों ने इस बारे में कभी कुछ कहा नहीं। खैर, आशा ने धीरे-धीरे गाने का काम शुरु किया और फिर आशा की आवाज का जादू भी चलने लगा। एस डी बर्मन और ओपी नैयर ने आशा भोंसले को खूब मौके दिए और उनके साथ आशा के गाए गाने सूपर-डूपर हिट रहे। फिर आशा का अपने पति से तलाक भी हुआ, एस डी बर्मन के बेटे आर डी बर्मन से उनकी मुलाकात हुई। एस डी बर्मन ने खुद उन्हे अपने बेटे आर डी बर्मन से मिलवाया। उस वक्त आर डी बर्मन ने आशा से कुछ ज्यादा बात नहीं की। आशा उनकी फैंन थी, तो उनके ऑटोग्राफ के लिए उनके आगे एक बुक रखी और आर डी बर्मन ने उन्हें ऑटोग्राफ दे दिया। लेकिन बाद में आर डी बर्मन आशा भोंसले से प्यार करने लगे और दोनों ने शादी भी की।
आशा भोंसले और आर डी बरमन यानी की पंचम दा के गाने आज भी लोग सुनते हैं और गुनगुनाते हैं। और आशा भोंसले के लिए शुरु में भले कहा गया कि वो लता मंगेशकर जैसी नहीं बन सकतीं। लेकिन आशा भोंसले ने ये साबित कर दिया कि जो वो बनीं तो सिर्फ वहीं बन सकती थीं। आशा भोंसले एक हीं हैं और हमेंशा एक हीं रहेंगी।
Updated on:
06 Feb 2022 10:54 am
Published on:
23 Jan 2022 02:16 pm
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