बातचीत के दौरान मनोज ने बताया,
पत्रिका एंटरटेनमेंट डॉट कॉम से बातचीत के दौरान मनोज ने बताया, उन्होंने फिल्म ‘मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर’ में बतौर स्क्रिप्ट राइटर फिल्म डायरेक्टर ओम प्रकाश मेहरा के साथ बौंड साइन किया था। चूंकि फिल्म की स्टोरी भी उनकी लिखी हुई है इसलिए उन्होंने बौंड साइन करने से पहले ही मुंबई के स्क्रीन राइटर एसोसिशन में अपनी स्टोरी का रजिस्ट्रेशन कराया था। उन्होंने आगे बताया कि असली कहानी दिल्ली के स्लम एरिया की है इसलिए शूटिंग की सुविधा को ध्यान में रखते हुए डायरेक्टर राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने कहानी में कुछ बदलाव का सुझाव दिया। इसके बाद कहानी में स्थान के मुताबिक कुछ बदलाव किए गए। फिल्म की शूटिंग मुंबई में अचानक शुरू कर दी गई और मनोज को उन्होंने इसके बारे में बताया तक नहीं। जब मनोज ने इस पर राकेश से सवाल किया क्यूं शूटिंग की लोकेशन चेंज कर दी गई तो उन्होंने उन्हें जवाब दिया वो लोकेशन ठीक नहीं थी।
की स्क्रिप्ट की मांग
मनोज ने आगे बताया कि उनके द्वारा फिल्म की स्क्रिप्ट मांगे जाने पर राकेश ने उन्हें कहा कि जिस दिन शूटिंग शुरू होगी उस दिन आकर ले जाना। मनोज जब सेट पर पहुंचे और स्क्रिप्ट उनके हाथ में आई तो उन्होंने देखा की उस पर राकेश का नाम लिखा था। इस पर मनोज ने ओबजेक्शन किया तो राकेश ने कहा कि तुम्हारा ही नाम जाएगा ये तो इंटरनल कॉपी है। मनोज ने कहा कि जब उन्होंने राकेश से कहा कि सही-सही बता दीजिए क्या है तो उन्होंने जवाब दिया कि मनोज का नाम केवल स्टोरी में जाएगा। इस पर मनोज ने आपत्ति जताई। इसके बाद मनोज ने आगे कहा, ‘मैनें उन्हें कई बार कॉल, मेल और मेसिज किए तो उन्होंने एक बार बात की और कहा कि मिलकर इस पर बात करते हैं। मिलकर बातचीत के दौरान सहमती नहीं हुई।’
दर्ज कराई शिकायत
मनोज ने कहा, जब हमारी आपसी सहमती नहीं बनी तो हम स्क्रीन राइटर एसोसियन में आ गए। दोनों लोगों की स्क्रीन राइटिंग की कॉपी वहां जमा कराई गई और एसोसियन ने निर्णय लिया की सोलो में मनोज का नाम दिया जाएगा। इसके बाद राकेश मेहरा का नाम रहेगा। मनोज ने बताया, ‘वो इसके बाद भी कुछ नहीं बता रहे थे और फिर कहते हैं कि अपील करूंगा लेकिन अपील भी कहीं नहीं किए।’ मनोज ने यह भी कहा कि राकेश ने फिल्म की रिलीजिंग डेट भी फाइनल कर दी तो उन्होंने उन्हें लीगल नोटिस भी भेजा मगर राकेश ने उसका भी जवाब नहीं दिया। जबकि मनोज के खिलाफ शिकायत दर्ज की उन्हें वह जबरदस्ती क्रेडिट देने के लिए टॉर्चर कर रहे हैं। इसके बाद मनोज ने कहा कि अब उनके पास कोर्ट के पास जाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है।
हमने इस मामले को लेकर पूछताछ करने की कोशिश राकेश ओमप्रकाश मेहरा से भी की लेकिन उन्होंने हमारे फोन का कोई जवाब नहीं दिया।