‘झाडू लगा लूंगी, बर्तन मांझ लूंगी, मांगूंगी नहीं’
नीना गुप्ता ने मसाबा को एक सिंगल मदर के रूप में पालने को लेकर टाइम्स नाउ से बातचीत में कहा कि,’मुझे पूरा भरोसा था कि मैं किसी से पैसे या कुछ नहीं नहीं मांगूंगी। मैं कुछ न कुछ कर लूंगी। मुझे कोई काम करने में शर्म नहीं आती। ये मेरी मां से सीखा। मैं झाडू लगा लूंगी, मैं बर्तन मांझ लूंगी, लेकिन मैं मांगूंगी नहीं। इसलिए मुझमें वो कॉन्फिडेंस था।’ नीना ने अपनी बेटी का पालन-पोषण ऐसे समय में अकेले किया जब रिचर्ड्स उनके साथ नहीं थे।
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डिलीवरी के नहीं थे पैसे
हाल ही में मसाबा गुप्ता ने सोशल मीडिया पर नीना की आत्मकथा ‘सच कहूं तो’ के एक पन्ने पर लिखे अनुभव को शेयर किया। इस स्क्रीनशॉट में जो जानकारी है, उसके अनुसार जब नीना गुप्ता की डिलीवरी होने वाली थी, तब बैंक में उनके पास महज 2000 रुपए थे। उनको चिंता थी कि अगर डिलीवरी सिजेरियन हुई तो 10 हजार रुपए चाहिए होंगे। इसी बीच उन्हें 9 हजार रुपए का टैक्स रिम्बर्समेंट मिला। इसके चलते उनके पास डिलीवरी के पैसे आ गए थे।
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पिता को बुलाया साथ
जब नीना प्रेग्नेंट थीं, तब भी उनके पास खुद की देखभाल के लिए कोई नहीं था। जब उनकी डिलीवरी डेट नजदीक आई, तब भी कोई नहीं था। इसलिए उन्होंने अपने पिता को मुंबई बुला लिया। उन्होंने ही एक्ट्रेस की मदद की। इसके बाद नीना के पिता मुंबई ही शिफ्ट हो गए और मसाबा के पलान-पोषण में मदद की।