Published: Dec 30, 2020 09:16:16 pm
पवन राणा
-दिनेश ठाकुर
अकबर इलाहाबादी कहते थे, 'जब तोप मुकाबिल हो तो अखबार निकालो।' हॉलीवुड में कभी यह मुहावरा खूब चला कि जब कुछ न सूझे तो डाकुओं पर फिल्म बनाओ। इसी तर्ज पर आजकल एकता कपूर ( Ekta Kapoor ) का नारा है कि अगर कोई टॉपिक नहीं मिले तो अश्लीलता से भरपूर वेब सीरीज बनाओ। उनके कारखाने में ऐसी उलजुलूल वेब सीरीज का धड़ाधड़ उत्पादन हो रहा है। मैडम गलतफहमी में हैं कि ओटीटी से जुड़े दर्शक फूहड़ सेक्स देखना चाहते हैं। हवा, पानी और भोजन की तरह सेक्स भी जिंदगी के लिए जरूरी है। लेकिन जब किसी कला में उसका इस्तेमाल होता है, तो एक स्वस्थ तर्क की मांग उठती है। यह तर्क अश्लीलता के साए से कला की हिफाजत करता है। एकता कपूर को तर्क से क्या लेना-देना। वे भरपूर अश्लीलता दिखाने के बहाने ढूंढती हैं। दो साल पहले की अपनी वेब सीरीज 'गंदी बात' से यही कर रही हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आई उनकी नई वेब सीरीज 'पौरुषपुर' ( Paurashpur Web Series ) गंदी बातों की हद पार कर गई है। अजीबो-गरीब किरदारों (इनमें कई समलैंगिक हैं) वाला यह फूहड़ तमाशा ढाई घंटे की मानसिक यंत्रणा से कम नहीं है।