script‘कहीं पेट्रोल बम, कहीं पत्थर निकलता है…पट्टी बांध बुलडोजर निकलता है’, सिंगर Manoj Muntashir की इस बात पर मिले यूजर्स के ऐसे जवाब | Poet Manoj Muntashir Shared Poem On Bulldozer Action In Jahangirpuri | Patrika News

‘कहीं पेट्रोल बम, कहीं पत्थर निकलता है…पट्टी बांध बुलडोजर निकलता है’, सिंगर Manoj Muntashir की इस बात पर मिले यूजर्स के ऐसे जवाब

Published: Apr 22, 2022 10:31:43 am

Submitted by:

Vandana Saini

इन दिनों जहां देखो जहांगीरपुरी हिंसा और बुलडोजर की कार्रवाई सुर्खियों में छाए हुए हैं. हर कोई इन विवादों पर बात कर रहा है. इसी बीच गीतकार मनोज मुंतशिर (Manoj Muntashir) ने ट्विटर पर कविता शेयर की है, जिसको लेकर वो ट्रोल हो गए हैं.

‘कहीं पेट्रोल बम, कहीं पत्थर निकलता है…पट्टी बांध बुलडोजर निकलता है’

‘कहीं पेट्रोल बम, कहीं पत्थर निकलता है…पट्टी बांध बुलडोजर निकलता है’

दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में 20 अप्रैल को एनडीएमसी द्वारा अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया था, जिसमें मस्जिद के पास कई पक्के और अस्थाई ढांचों पर बुलडोजर चलाया गया. इस मामले पर नेता से लेकर अभिनेता अपनी राय रख रहे हैं. साथ ही ट्रोलर्स का सामना कर रहे हैं. इन्हीं में से एक मशहूर लेखक और गीतकार मनोज मुंतशिर (Manoj Muntashir) का नाम भी एक है.
हाल में इन्होंने इस मामले पर ट्विटर पर एक शायरी साझा की थी, जिसको लेकर अब बवाल मच गया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘कहीं पेट्रोल वाला बम, कहीं पत्थर निकलता है. कहीं तो आस्तीनों में दबा खंजर निकलता है. फसादी चूहों कोई बिल तलाशो और दुबक जाओ कि पट्टी बांधकर आंखों पे बुलडोजर निकलता है!’.
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वहीं अब उनके इस ट्वीट पर लोग अपनी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा ‘अच्छा ये तो उससे पूछो जिसका घर गिरा है. तब भी इतना साहस है तो एक बार अपना भी गिरवा लो पता लग जाएगा. उत्तर प्रदेश में ये बुलडोजर का ही खौफ है कि कोई पत्थर नहीं फेंक पाया. यहां हौसले पस्त हो गए’.
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वहीं दूसरे यूजर ने लिखा कि ‘वाह भईया! आज का समय बुलडोजर पर ही कविता मांग रहा था. फिर एक आग लगा देगी आपकी कविता, लगने दीजिए. युगों की परिस्थितियां देखकर ही कविताएं भी लिखी जाती होंगी और ये कविता इस युग की मांग है. धन्यवाद’.
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वहीं तिसरा यूजर लिखता है ‘मनोज भईया कवि बन के रहिये न उसी में आप अच्छे लगते हैं. अपनी धर्म संस्कृति का प्रचार प्रसार करिये, लोगों को सही सुगम रास्ते का चयन का सुझाव दीजिए. नफरत मत सिखाइये’. बता दें कि ये अभियान हनुमान जयंती पर निकले जुलूस में हुई हिंसा के बाद शुरू किया गया था.
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