
Aamir Khan की फिल्म फ्लॉप होने पर R. Madhavan ने कही ये बात
आमिर खान (Aamir Khan) की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ (Laal Singh Chaddha) लगातार सोशल मीडिया पर बहिष्कार का सामना करने के बाद बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से फ्लॉप हो गई। 150 से 170 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने अब तक केवल 50 करोड़ रुपये की कमाई ही कर पाई है। फिल्म में आमिर खान के अलावा करीना कपूर खान, मोना सिंह और नागा चेतन्या भी मुख्य भूमिका में नजर आ रहे हैं। इसी बीच फिल्म के फ्लॉप होने के बाद साउथ एक्टर आर. माधवन (R Madhavan) ने भी अपनी बात रखी। दरअसल, इन दिनों एक्टर अपनी अपकमिंग फिल्म ‘धोका- राउंड डी कॉर्नर’ को लेकर सुर्खियों में हैं।
बुधवार को इस फिल्म का टीजर लॉन्च हुआ है, जिसके लिए एक्टर आर. माधवन मुंबई पहुंचे। जहां मीडिया ने उनसे आमिर की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ को लेकर सवाल भी किए, जिसको एक्टर ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया है कि 'आमिर की फिल्म बॉक्स ऑफिर पर कुछ काम नहीं कर पाई लोग उसको देखने नहीं गए इसपर आपका क्या विचार है?'
इस सावल का जवाब देते हुए एक्टर ने कहा कि 'अगर हमें पता होता कि लाल सिंह चड्ढा क्यों सफल नहीं हो पाई, तो हम सभी हिट फिल्में बना रहे होते। कोई नहीं सोचता कि हम गलत फिल्म बना रहे हैं। इस फिल्म को बनाने के पीछे की मंशा, कड़ी मेहनत उतनी ही है, जितनी हर फिल्म में की जाती है। सभी बड़ी फिल्में जो रिलीज हुई हैं उनके पीछे का इरादा एक अच्छी फिल्म बनाने और फिल्म को हिट करने का ही था'।
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इसके अलावा आर. माधवन ने ये भी कहा कि 'ये धारणा गलत है कि साउथ की फिल्में हिंदी फिल्मों से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं, क्योंकि साउथ इंडस्ट्री की कुछ ही फिल्मों ने ही बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया है'। साथ ही एक्टर ने कहा कि 'इसे एक पैटर्न नहीं कहा जा सकता है। जहां तक साउथ की फिल्मों की बात है, बाहुबली 1, बाहुबली 2, आरआरआर, पुष्पा, केजीएफ: पार्ट 1 और केजीएफ: पार्ट 2 एकमात्र साउथ इंडियन फिल्में हैं जिन्होंने हिंदी फिल्म एक्टर्स की फिल्मों से बेहतर प्रदर्शन किया है। ये केवल छह फिल्में हैं, तो हम इसे पैटर्न नहीं कह सकते। अगर अच्छी फिल्में आती हैं तो वो चलेंगी ही'।
आर. माधवन के इंटरव्यू में आगे कहा कि 'अगर दर्शकों को अच्छा कंटेंट दिया जाएगा तो वो थिएटर में जाकर फिल्म देखेंगे, चाहे भाषा कोई भी हो'। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि 'महामारी के बाद दर्शकों की प्राधमिकता बदल गई है। यही कारण है कि हिंदी फिल्मों की विफल हो रही हैं। कोविड-19 के बाद लोगों की प्राथमिकता बदल गई हैं। इसलिए हमें उस तरह की फिल्में बनानी चाहिए जो लोग देखना पसंद कर रहे हैं। हमें और अडवांस फिल्में बनानी होंगी'।
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Updated on:
18 Aug 2022 12:39 pm
Published on:
18 Aug 2022 12:36 pm
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