scriptबॉलीवुड की पहली फीमेल सुपरस्टार Ruby Myers, जो फिल्म के हीरो से 50 गुना ज्यादा लेती थी फीस | Ruby Myers aka Sulochana's First Female Superstar In Bollywood | Patrika News
बॉलीवुड

बॉलीवुड की पहली फीमेल सुपरस्टार Ruby Myers, जो फिल्म के हीरो से 50 गुना ज्यादा लेती थी फीस

जब मुंबई जैसे बड़े शहर में बॉलीवुड की शुरूआत हुई तब उस दौर में साइलेंट फिल्में बनाई जाती थीं और 3 मई 1913 को इंडियन सिनेमा की पहली साइलेंट फ़ीचर फ़िल्म ‘राजा हरिश्चन्द्र’ रिलीज की गई थी. उस दौरा में एक अदाराका उभर कर आई थी, जो इंडस्ट्री की पहली फीमेल सुपरस्टार बनी थी.

May 16, 2022 / 10:25 am

Vandana Saini

बॉलीवुड की पहली फीमेल सुपरस्टार Ruby Myers, जो फिल्म के हीरो से 50 गुना ज्यादा लेती थी फीस

बॉलीवुड की पहली फीमेल सुपरस्टार Ruby Myers, जो फिल्म के हीरो से 50 गुना ज्यादा लेती थी फीस

आज के समय में हम सभी जानते हैं कि बॉलीवुड की दुनिया क्या है? आज कौन स्टार है और कौन सुपरस्टार है?, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब बॉलीवुड इंडस्ट्री की शुरूआत हुई थी तब कैसा था. फिल्मों में स्टार्स को कैसे चुना जाता था या कौन स्टार हुआ करता था और कौन सुपरस्टार? आज हम आपको उसी के बारे में बताने जा रहे हैं. बॉलीवुड की शुरूआत 1913 में हो चुकी थी, लेकिन उस दौरा इस सुविधाएं ज्यादा नहीं हुआ करती थी तो फिल्में साइलेंट बना करती थी. इसी दौरान 3 मई 1913 को इंडियन सिनेमा की पहली साइलेंट फीचर फिल्म ‘राजा हरिश्चन्द्र’ को रिलीज किया गया था.
इसी दौर के 18 साल बाद 14 मार्च, 1931 को भारत की पहली बोलती साउंड फिल्म ‘आलमआरा’ को सिनेमाघरों में रिलीज किया गया था. ‘आलमआरा’ ही वो फिल्म थी, जिसने हिंदी सिनेमा यानी बॉलीवुड की नींव रखी थी. आज के समय में इंडियन फिल्म इंडस्ट्री (Indian Film Industry) को 109 साल हो चुके हैं और इन सालों में हमें कई बेहतरीन कलाकार मिले. इन्हीं में से एक नाम बॉलीवुड की फीमेल सुपरस्टार रूबी मायर्स (Ruby Myers) उर्फ़ सुलोचना (Sulochana) का भी है. आज हम आपको इसी अदाकारा के बारे में बताने जा रहे हैं.
यह भी पढ़ें

क्यों Mahesh Babu को अफोर्ड नहीं कर सकता बॉलीवुड? जानें कितनी है एक्टर की फीस और नेट वर्थ

first_female_superstar_ruby_myers_1.jpg

पहली फीमेल सुपरस्टार रूबी मायर्स उर्फ सुलोचना


आज के समय में भारतीय सिनेमा में रूबी मेयर्स को सुलोचना के नाम से जाना जाता है. वो उस दौर की सबसे ख़ूबसूरत एक्ट्रेस हुआ करती थी और साथ ही काफी बोल्ड भी. बताया जाता है कि वो अपनी बोल्डनेस के लिए काफी मशहूर हुआ करती थीं. हालांकि, उनके इंडस्ट्री में आने से पहले कई एक्ट्रेस आ चुकी थी, लेकिन जब रूबी मायर्स ने इंडस्ट्री में कदम रखा तो उन्होंने अपने हुनर और दमदार अभिनय से भारत की पहली फीमेल सुपरस्टार का खिताब अपने नाम करा लिया.
first_female_superstar_ruby_myers_2.jpg

असल ज़िंदगी में कौन थीं रूबी मायर्स?


रूबी मायर्स उर्फ सुलोचना का जन्म साल 1907 में महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था. रूबी भारत में रहने वाली यहूदी वंश परिवार से थीं, लेकिन असल जिंदगी में वो ब्रिटिश मूल की थीं. रूबी ने अपनी पढ़ाई पुणे से ही पूरी की. इसके बाद उन्होंने एक कंपनी में ‘टेलीफ़ोन ऑपरेटर’ की नौकरी की. बताया जाता है कि टाइपिंग स्पीड में कोई उनका मुक़ाबला तक नहीं कर पाता था और तब वो बला की खूबसूरत हुआ करती थीं. कहा जाता है कि जब एक नजर देखने वाला उनको देखता ही रह जाए इतनी आकर्ष थीं. इसके बाद कोहिनूर फ़िल्म कंपनी के मालिक मोहन भवनानी ने जब उनको देखा तो तुरंत उनसे पूछ लिया कि ‘सिनेमा में काम करोगी?’, लेकिन रूबी ने इंकार कर दिया.
first_female_superstar_ruby_myers_5.jpg

पहली फ़िल्म के बाद ‘रूबी’ से बनीं ‘सुलोचना’


ये वो दौर था जब एक्टिंग की दुनिया को महिलाओं के लिए बेहद असभ्य पेशा समझा जाता था, लेकिन सुलोचना की ख़ूबसूरती के कायल हो चुके मोहन भवनानी ने उन्हें हीरोइन बनाने की ज़िद पकड़ ली. आख़िरकार रूबी ने एक दिन हां बोल दिया, लेकिन उन्हें अभिनय का कोई खास अनुभव नहीं था. इसके बाद साल 1925 में रूबी ने फिल्म ‘वीर बाला’ से अपने अभिनय करियर की शुरूआत की. फिल्म में उन्हें ‘मिस रूबी’ के तौर पर पेश किया गया, लेकिन इसके बाद वो रूबी मायर्स से ‘सुलोचना’ बन गईं.
first_female_superstar_ruby_myers_6.jpg

हीरो लेते थे 100 रुपये, सुलोचना लेती थीं 5000 रुपये


बताया जाता है कि साल 1910 से 1930 के बीच कई साइलेंट फ़िल्में बनीं. उस दौर में फिल्मों में कोई आवाज या गाना नहीं हुआ करता था, लेकिन जिसने भी बड़े पर्दे पर सुलोचना को देखता वो उन्हें देखता ही रह जाता था. लोगों के ऊपर सुलोचना का ऐसा क्रेज चढ़ा था कि उनकी फिल्म लगते ही दर्शक सिनेमाघरों की ओर दौड़े चले आते थे. दर्शकों के साथ-साथ फ़िल्म निर्माताओं भी सुलोचना के क्रेज़ के मारे थे, जो उनको अपनी फिल्म में लेने के लिए उतारू रहा करते थे. बताया जाता है कि उस दौर में बड़े-बड़े अभिनेता को 100 रुपये की फ़ीस दी जाती थी, लेकिन सुलोचना अपनी हर फ़िल्म के लिए करबीन 5000 रुपये लिया करती थीं.
first_female_superstar_ruby_myers_4.jpg

3 फ़िल्मों से ही रूबी बन गईं बड़ी स्टार


मोहन भवनानी के डायरेक्शन में बनी फ़िल्मों ने सुलोचना को स्टार बना दिया, लेकिन कुछ फ़िल्मों के बाद सुलोचना ने ‘कोहिनूर फ़िल्म कंपनी’ को छोड़कर ‘इंपीरियल फ़िल्म कंपनी’ जॉइन कर ली. इस कंपनी के साथ सुलोचना ने क़रीब 37 फिल्में कीं. इनमें से टाइपिस्ट गर्ल (1926), बलिदान (1927), वाइल्ड कैट ऑफ़ बॉम्बे (1927) बेहद कामयाब रहीं. सन 1928-29 के बीच रिलीज़ हुईं ‘माधुरी’, ‘अनारकली’ और ‘इंदिरा बीए’ फ़िल्मों ने सुलोचना को इंडस्ट्री की कामयाब एक्ट्रेस का दर्जा हासिल करवा दिया.
first_female_superstar_ruby_myers_3.jpg

साउंड फ़िल्मों का ज़माना आया तो रह गईं पीछे


इसके बाद साल 1930 तक सुलोचना फ़िल्म इंडस्ट्री की नंबर वन एक्ट्रेस बन चुकी थीं, लेकिन 1931 में जब भारत की पहली बोलती साउंड फिल्म ‘आलमआरा’ आई, तो सुलोचना की जगह जुबैदा को एक्ट्रेस के तौर पर लिया गया और इसके पीछे का कारण था कि सुलोचना की हिंदी अच्छी नहीं थी. कमजोर हिंदी होने के चलते उन्हें कई फ़िल्मों से निकाल दिया गया और इसके बाद सुलोचना ने 1 साल का ब्रेक लेकर हिंदी में महारत हासिल की और दमदार कमबैक किया. सन 1930 में उन्होंने ख़ुद की प्रोडक्शन कंपनी ‘रूबी पिक’ शुरू की.
first_female_superstar_ruby_myers_7.jpg

गुमानामी में तोड़ दिया दम


साल 1925 में फ़िल्मों में कदम रखने वाली रूबी मायर्स उर्फ़ सुलोचना ने अपने 65 साल के फ़िल्मी करियर में 100 से ज्यादा फ़िल्मों में काम किया. साल 1973 में सुलोचना को भारतीय सिनेमा में दिए योगदान के लिए फिल्म जगत के सबसे सम्मानित ‘दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड’ से नवाजा गया. सुलोचना ने एक लड़की को गोद लिया और उसका नाम सारा मायर्स रखा जिसे शादी के बाद विजयलक्ष्मी श्रेष्ठ के नाम से जाने जानी लगीं. आख़िरकार 10 अक्टूबर 1983 में गुमानाम ज़िंदगी जी रहीं सुलोचना दुनिया छोड़ चलीं.

Home / Entertainment / Bollywood / बॉलीवुड की पहली फीमेल सुपरस्टार Ruby Myers, जो फिल्म के हीरो से 50 गुना ज्यादा लेती थी फीस

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो