
सलमान खान ने अपने परिवार के साथ( फोटो सोर्स: X)
Salim Khan statement: सलीम खान और उनकी पत्नी सुशीला चरक, जिन्होंने शादी के बाद अपना नाम बदलकर सलमा खान कर लिया, 61 सालों से एक साथ हैं। खान परिवार को अपने खुले विचारो के लिए जाना जाता है और उन्हें गणपति पूजा से लेकर होली, दिवाली और क्रिसमस तक सभी त्योहारों को एक साथ मनाते हुए देखा जाता है। हाल ही में, सलमान खान ने अपने परिवार के साथ गणेश चतुर्थी मनाई, जिसके विसर्जन के दौरान ढोल की थाप पर नाचते हुए उनका एक वीडियो वायरल हुआ था। हालांकि, एक हालिया इंटरव्यू में सलीम खान ने याद किया कि कैसे उनकी अंतर-धार्मिक शादी एक बार कुछ रिश्तेदारों के लिए मुद्दा बन गई थी।
द फ्री प्रेस जर्नल के साथ बातचीत में सलीम खान ने बताया कि उनका जन्म और परवरिश इंदौर में हुआ और उनके पिता डीएसपी (उप पुलिस अधीक्षक) थे। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने उनमें धार्मिक सद्भाव की भावना भरी थी। हिंदू परिवारों से घिरे पड़ोस में बड़े होने के कारण सलीम के कई दोस्त अलग-अलग धर्मों के थे। उन्होंने कहा, "हिंदू मुसलमान का मसला ही नहीं था। दोस्ती थी, सब इंसान थे।"
इसके साथ ही सलीम ने खुलासा किया कि जब वो सुशीला से शादी करना चाहते थे, तो उनके अपने परिवार को "उनके मिलन पर कोई आपत्ति नहीं थी"। हालांकि, सुशीला के परिवार के कुछ सदस्यों ने निराशा व्यक्त की क्योंकि यह एक inter-faith marriage विवाह था। इस पर सलीम ने कहा, "मेरे परिवार को मेरी शादी से कोई आपत्ति नहीं थी। उन्हें कोई समस्या नहीं थी। उनके परिवार के एक सदस्य को कुछ आपत्ति थी क्योंकि मैं एक अलग धर्म से था।" उन्होंने आगे कहा, "हां, inter-faith marriage विवाहों को पसंद नहीं किया जाता था"।
बता दें कि सलीम ने माना कि सुशीला के पिता ने खुलकर कहा था कि उन्हें सलीम खान का परिवार पसंद है, लेकिन उनकी चिंता धर्म को लेकर थी। सलीम ने उन्हें आश्वस्त किया और उनका विश्वास जीता। उन्होंने कहा, "मेरे ससुर, जो एक डेंटिस्ट थे, ने मेरी शादी की बात आने पर मेरी पृष्ठभूमि की जांच की और इस तथ्य का सम्मान किया कि मैं एक अच्छे परिवार से आता हूं और अच्छी तरह से शिक्षित हूं। उन्होंने मुझसे साफ रूप से कहा कि मेरी धार्मिक आस्था ही उनकी एकमात्र आपत्ति है। मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि भले ही हमारे बीच असहमति या झगड़े हों, लेकिन मेरी और मेरी पत्नी के बीच निश्चित रूप से हमारे धर्मों के कारण नहीं होंगे। हमारी शादी को अब 60 साल हो गए हैं।"
इसके बाद सुशीला के परिवार की सहमति मिलने के बाद, सलीम और सुशीला ने दोनों धर्मों के रीति-रिवाजों का पालन करते हुए शादी की। "मेरी पत्नी को सात फेरे की रस्म पसंद थी और उन्होंने अपनी बहन के साथ-साथ चचेरे भाई को भी इसका पालन करते हुए देखा था। इसलिए मैंने अपने इलाके में एक पंडित को ढूंढा और फेरे लगवा लिए। हमारा निकाह भी हुआ, जो अनिवार्य रूप से एक रस्म है जो ये सुनिश्चित करती है कि आप दबाव या मजबूरी में शादी नहीं कर रहे हैं।"
इस दौरान सलीम ने ये भी खुलासा किया कि कई मुस्लिम परिवारों में बीफ आमतौर पर खाया जाता है क्योंकि इसे सस्ता माना जाता है, लेकिन यह कभी भी खान परिवार का हिस्सा नहीं रहा। भारत में बीफ भी धार्मिक विवाद का विषय है क्योंकि हिंदू धर्म में गायों को पवित्र माना जाता है। इस बारे में बात करते हुए उन्होंने आगे कहा, "इंदौर से लेकर आज तक हमने कभी बीफ नहीं खाया। बीफ ज्यादातर मुसलमानों द्वारा खाया जाता है क्योंकि यह सबसे सस्ता मांस है, कुछ तो इसे पालतू कुत्तों को खिलाने के लिए भी खरीदते हैं।
लेकिन पैगंबर मोहम्मद की शिक्षाओं में, उन्होंने साफ रूप से कहा है कि गाय का दूध मां के दूध का विकल्प है और यह लाभदायक चीज है। साथ ही उन्होंने आगे बताया कि गायों को नहीं मारा जाना चाहिए और बीफ वर्जित है। पैगंबर मोहम्मद ने हर धर्म से अच्छी चीजें अपनाई हैं। जैसे केवल हलाल मांस खाना जो यहूदियों से अपनाया गया था, जो इसे कोशर कहते हैं। हर धर्म अच्छा है और एक सर्वोच्च शक्ति में विश्वास करता है जैसे हम करते हैं।"
Published on:
01 Sept 2025 05:48 pm
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