शशि कपूर के दिल में जेनिफर कैंडल ने ऐसी जगह बनाई कि फिर दोबारा उन्होंने किसी और के लिए अपने दिल के दरवाजे नहीं खोले। उनकी प्रेम कहानी पूरे बॉलीवुड में आज भी चर्चा में बनी रहती है। यह कहानी एक फिल्मी कहानी से कम नही थी।
शशि कपूर की जेनिफर केंडल के साथ दोस्ती शेक्सपियरनामा नाम के एक थिएटर ग्रुप को ज्वॉइन करने के दौरान हुई थी। जिसे जेनिफर केंडल के पिता ज्यॉफ्री केंडल चलाते थे। इसी दौरान हुई इनकी मुलाकात जल्द ही प्यार में बदल गई। और साल 1958 में शशि कपूर ने जेनिफर से शादी कर ली। शादी के एक साल के अंदर ही शशि कपूर एक बच्चे के पिता भी बन गए।
शशि कपूर अब अपने छोटे से परिवार के साथ काफी खुश थे लेकिन यह खुशी उस समय गम में बदल गई जब साल 1982 में जेनिफर को कैंसर जैसी घातक बीमारी का पता चला। शशि कपूर ने जेनिफर के इलाज के लिए कोई कसर नही छोड़ी। मुंबई से लेकर विदेश तक जाकर बड़े से बड़े डॉक्टरों से उनका इलाज कराया, लेकिन 7 सितंबर, 1984 को जेनिफर ने दुनिया को अलविदा कह दिया। पत्नी के यूं चले जाने के बाद शशि कपूर पर मानों बिजली गिर गई हो। उन्होंने कई सालों तक पत्नी की याद में अकेले रहकर जीवन काटना शुरू कर दिया। और करीब 31 साल तक उनकी याद को संजोकर अपने दिल में रख कर पूरी ज़िंदगी गुजारदी।