9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हिंदी मीडियम की वो छात्रा जो अंग्रेज़ी कमज़ोर होने के बावजूद बनी थी मिस यूनिवर्स

सुष्मिता सेन ने 1994 में मिस यूनिवर्स का खिताब जीता था। 18 साल की उम्र में इस खिताब को जीतने वाली को पहली भारतीय थीं। इस खिताब को जीतने के 28 साल बाद उन्होंने बताया है कि फाइनल राउंड में एक सवाल को वो ठीक से समझ नहीं सकी थीं क्योंकि वो काफी मुश्किल अंग्रेजी में पूछा गया था।

2 min read
Google source verification
Sushmita Sen

सुष्मिता सेन (Sushmita Sen) 1994 में मिस यूनिवर्स (Miss Universe) का खिताब अपने नाम करने वाली पहली भारतीय महिला हैं। सुष्मिता के बाद युक्ता मुखी (Yukta Mookhey), लारा दत्ता (Lara Dutta) और हाल ही में हरनाज संधू (Harnaaz Sandhu) ने इस टाइटल को जीत भारत का नाम दुनिया भर में रोशन किया। इस खिताब को हासिल कर दुनिया भर में इंडिया के नाम का डंका बजाने के बाद सुष्मिता ने बॉलीवुड में कदम रखा और सफल एक्ट्रेस बन गईं। सुष्मिता सेन फराटेदार अंग्रेजी बोलती हैं,

लेकिन एक समय ऐसा था जब उन्हें ज्यादा अंग्रेजी समझ नहीं आती थी। 18 साल की उम्र में इस खिताब को जीतने वाली पहली भारतीय थीं। इस खिताब को जीतने के 28 साल बाद सुष्मिता सेन ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया है कि फाइनल राउंड में एक सवाल को वो ठीक से समझ नहीं सकी थीं क्योंकि वो काफी मुश्किल अंग्रेजी में पूछा गया था।

सुष्मिता सेन ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के दौरान फाइनल में जब उनसे सवाल पूछा गया था तो उन्हें समझ ही नहीं आया था। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सुष्मिता सेन की बेटी अलीशा के स्कूल मैग्जीन ने एक्ट्रेस के साथ एक इंटरव्यू किया. इसमें पूछा गया, ‘क्या इतने साल बाद वह उस सवाल का जवाब बदलना चाहेंगी?’ इस पर एक्ट्रेस ने बताया, ‘जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं तो पता है मुझे सवाल और जवाब के बारे में ये अच्छा लगता है कि उन्होंने मुझसे एक महिला के गुण के बारे में नहीं बल्कि एक महिला के essence के बारे में पूछा था और मैं हिंदी मीडियम स्कूल से पढ़ी थी इसलिए उस समय मुझे इतनी अंग्रेजी नहीं आती थी। पता नहीं मुझे essence का क्या मतलब समझ आया और मैंने एकदम सटीक जवाब दे दिया था। मैं 18 साल की थी, मुझे लगता है कि ईश्वर मेरी जुबान पर विद्यमान थे और बोले कि चलो यही बोलवा देते हैं क्योंकि ऐसे ही तुम अपनी जिंदगी चुनोगी।’

यह भी पढ़ें- मलाइका अरोड़ा का खुलासा, बोलीं- ‘अरबाज से अलग होने का फैसला ऐसे लगा जैसा पूरी दुनिया सर पर चढ़ रही है...

इसके जवाब में सेन ने कहती हैं'' मैंने कहा था, ‘महिला के रूप में पैदा होना ईश्वर का अनमोल तोहफा है। मैं आज भी इस पर कायम हूं और इसमें कुछ भी बदला नहीं है। महिला के रूप में जन्म लेना ही ईश्वर का बड़ा उपहार है और हम सबको इसके लिए आभारी होना चाहिए. एक महिला सिर्फ गर्भ नहीं है जहां से जिंदगी मिलती है, इसलिए वह केवल जन्म देने वाली मां नहीं है बल्कि प्यार, परवाह दिखाने वाली है।’

सुष्मिता सेन ने कहा, ‘उस समय मैंने एक आदमी को दिखाने की बात कही थी, मैंने ये क्यों कहा था, ये कोई रोमांटिक लाइन नहीं थी. आज 28 साल बाद अगर मैं इसमें कुछ और जोड़ सकती हूं, तो ये होगा कि खुद को खोजना. एक महिला जितना बाहर से दिखती है उतनी ही अंदर से भी है, यही एक महिला का Essence है।

यह भी पढ़ें-'मैं मजाक नहीं कर रहा, आप मेरी बीमारी को डिक्शनरी में खोज सकते हैं', जब नसीरुद्दीन शाह ने सबके सामने कही ये बात