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जोखिम उठाने से नहीं डरती,नहीं पता था कैसे बनाई जाए राह: स्वरा भास्कर

लोगों ने मुझे इस पर काफी सलाह दी कि क्या नहीं करना है

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Mahendra Yadav

Jun 10, 2018

Swara bhaskar

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फिल्म 'तनु वेड्स मनु' में नायिका की सबसे अच्छी सहेली की भूमिका से लेकर फिल्म 'निल बटे सन्नाटा' में 15 साल की बेटी की मां का किरदार में नजर आने वाली अभिनेत्री स्वरा भास्कर अपने विविधतापूर्ण व जोखिम भरे किरदारों के लिए जानी जाती हैं। 'अनारकली ऑफ आरा' की अभिनेत्री स्वरा का कहना है कि वह जोखिम लेने से कभी डरती नहीं हैं।

स्वरा ने एक साक्षात्कार में कहा, 'मैं कभी जोखिम लेने से नहीं डरी। जब मैं फिल्म उद्योग में आई, मुझे पता नहीं था कि कैसे इसमें राह बनाई जाए, लोगों ने मुझे इस पर काफी सलाह दी कि क्या नहीं करना है...मुझसे किसी की बहन या नायिका की अच्छी सहेली का किरदार न निभाने के लिए बोला गया, क्योंकि तब मुझे सिर्फ सेकेंड लीड किरदार करने के प्रस्ताव मिलते थे।'

स्वरा ने 'अनारकली ऑफ आरा' में नाचने-गाने वाली महिला की भूमिका निभाई थी और अब हालिया रिलीज फिल्म 'वीरे दी वेडिंग में वह प्रमुख नायिकाओं में से एक के किरदार में नजर आईं हैं। उनका कहना है कि अपने अभिनय कॅरियर में खुद के नियमों को लागू करने के लिए घिसी-पिटी अवधारणाओं को तोडऩा सबसे अच्छा तरीका है।

अभिनेत्री ने कहा, 'मुझसे खलनायिका का और कम उम्र में मां का किरदार नहीं निभाने के लिए कहा गया...अब आप जानते हैं कि फिल्मों में मैंने कैसे-कैसे किरदार निभाए हैं। मुझे लगा कि अगर मुख्य भूमिका पाने के लिए ये नियम बने हैं तो फिर इन्हें क्यों न तोड़ा जाए? क्यों न घिसी-पिटी अवधारणाओं से छुटकारा पाकर अपने नियम लाए जाएं?' स्वरा (30) ने कहा, 'मेरा मानना है कि इन घिसी-पिटी धारणाओं से निपटने का सबसे अच्छा तरीका जोखिम लेना, विफलता से डरे बिना नई चीजें करने की कोशिश करना है।

अभिनेत्री ने यह पूछे जाने पर कि एक पटकथा की क्षमता व संभावना को पहचानने का उनका सबसे अच्छा तरीका क्या है? तो उन्होंने इसका श्रेय अपने सहयोगियों को दिया। स्वरा ने कहा कि वह खुद को खुशकिस्मत मानती हैं कि उन्हें कुछ बेहतरीन फिल्मकारों के साथ काम करने का मौका मिला। बात जब 'तनु वेड्स मनु' या 'रांझणा' की आती है तो वह इसका श्रेय हिमांशु शर्मा को देती हैं जिन्होंने फिल्म की पटकथा लिखी।

अभिनेत्री ने कहा कि 'निल बटे सन्नाटा' में अश्विनी अय्यर तिवारी को फिल्म की कहानी पर बहुत भरोसा था और उन्होंने बस उनके नजरिए से काम किया। उनका मानना है कि सिनेमा में ज्यादातर चीजें इसी तरह से काम करती हैं। अगर हर किसी के पास एक मजबूत नजरिया हो और प्रोजेक्ट पर भरोसा हो तो सब कुछ सही होता चला जाता है।