समलैंगिक व्यक्ति को ही किरदार निभाना चाहिए था:
हाल में मामी मुंबई फिल्म फेस्टिवल में इस शॉर्ट मूवी का प्रीमियर हुआ। इस मौके पर कोंकणा ने कहा कि इस किरदार को किसी समलैंगिक व्यक्ति द्वारा ही निभाया जाना चाहिए था। साथ ही उनका मानना है कि एलजीबीटीक्यू व्यक्ति इस किरदार को ज्यादा अच्छे तरीके से निभा सकता है।
हाल में मामी मुंबई फिल्म फेस्टिवल में इस शॉर्ट मूवी का प्रीमियर हुआ। इस मौके पर कोंकणा ने कहा कि इस किरदार को किसी समलैंगिक व्यक्ति द्वारा ही निभाया जाना चाहिए था। साथ ही उनका मानना है कि एलजीबीटीक्यू व्यक्ति इस किरदार को ज्यादा अच्छे तरीके से निभा सकता है।
अधिक समावेशी होने की आवश्यकता:
कोंकणा का कहना है कि हम लोगों को अधिक समावेशी होने की आवश्यकता है और सभी की कहानियां बयां करने की जरूरत है। अभिनेत्री का मानना है अगर इस तरह की कहानियों को और अधिक दिखाना शुरू करें तो कभी ना कभी ऐसी भूमिकाओं को निभाने के लिए समलैंगिक कलाकार भी सामने आने लगेंगे।
कोंकणा का कहना है कि हम लोगों को अधिक समावेशी होने की आवश्यकता है और सभी की कहानियां बयां करने की जरूरत है। अभिनेत्री का मानना है अगर इस तरह की कहानियों को और अधिक दिखाना शुरू करें तो कभी ना कभी ऐसी भूमिकाओं को निभाने के लिए समलैंगिक कलाकार भी सामने आने लगेंगे।
ऐसी है फिल्म की कहानी:
शॉर्ट फिल्म ‘अ मानसून डेट’ की कहानी गजल धालीवाल ने लिखी है और फिल्म का निर्देशन तनुजा चन्द्रा ने किया है। फिल्म की कहानी एक युवती की है जो अपने प्रेमी को अपने अतीत से जुड़ा यह सच बताने वाली होती है।
शॉर्ट फिल्म ‘अ मानसून डेट’ की कहानी गजल धालीवाल ने लिखी है और फिल्म का निर्देशन तनुजा चन्द्रा ने किया है। फिल्म की कहानी एक युवती की है जो अपने प्रेमी को अपने अतीत से जुड़ा यह सच बताने वाली होती है।