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‘दुश्मन हमारे आसपास है, एक दिन हिंदुओ के त्योहार के लिए पुलिस सुरक्षा की जरूरत होगी’ किस ओर है विवेक अग्निहोत्री का इशारा?

'द कश्मीर फाइल्स' के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री फिल्मों के साथ- साथ अपने बयानों को लेकर भी चर्चा में बने रहते हैं। देश से लेकर फिल्मी दुनिया तक मुद्दा कोई भी हो, ये अपनी राय जरूर रखते हैं। अब एक बार फिर डायरेक्टर अपने बयान को लेकर चर्चा में आ गए हैं।

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Shweta Bajpai

Sep 24, 2022

vivek agnihotri said who thought police protection will be needed for the festival of hindus

vivek agnihotri said who thought police protection will be needed for the festival of hindus

विवेक अग्निहोत्री अक्सर किसी नकिसी मुद्दे को लेकर अपनी राय रखते नजर आते हैं। इसके साथ ही वो बेबाकी के साथ किसी पर भी निशाना साधने से नहीं डरते हैं। अब डायरेक्टर ने हिंदू-मुस्लिम विवाद को लेकर ट्वीट कर डाला है, जो चर्चा में आ गया है। 23 सितंबर को उन्होंने ईस्ट लीसेस्टर पुलिस के एक ट्वीट को रीट्वीट किया और उसपर गुस्सा निकाला। हाल ही में हुए भारत और पाकिस्तान के मैच के बाद लोगों में गुस्सा देखने को मिला था, जिसके चलते हिंसा भड़क गई थी।

इसे देखते हुए ईस्ट लीसेस्टर पुलिस ट्वीट कर कहा था कि हम लोगों को हमेशा की तरह नवरात्रि और दिवाली की तैयारी के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। सभी समुदाय के लिए भारी संख्या में उस दिन पुलिसबल तैनात रहेगी।

इस ट्वीट को देखने के बाद विवेक अग्निहोत्री से शांत नहीं रहा गया और उन्होंने इ ट्वीट को रिट्वीट करते हुए अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने लिखा- किसने सोचा था कि एक दिन ऐसा आएगा जब हिंदू समुदाय को अपने सबसे बड़े त्योहारों को मनाने के लिए पुलिस सुरक्षा की आवश्यकता होगी? यह पर्याप्त सबूत है कि दुश्मन हमारे आसपास है और खतरा सच में है।

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ये पहली बार नहीं है जब विवेक अग्निहोत्री ने किसी मुद्दे को लेकर ऐसा कुछ बोला हो। इससे पहले डायरेक्टर बायकॉट ट्रेंड को लेकर खूब बयानबाजी कर चुके हैं। उन्होंने बॉलीवुड पर निशना साधा था।

विवेक अग्निहोत्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा था-बॉलीवुड की इनसाइड स्टोरी- मैं यह समझने के लिए बॉलीवुड में काफी साल बिता चुका हूं कि यह कैसे काम करता है। आप जो देख रहे हैं वह बॉलीवुड नहीं है। असली बॉलीवुड अपनी अंधेरी गलियों में पाया जाता है। यह इतना काला और गहरा है कि आम आदमी इसे माप भी नहीं सकता।

उन्होंने आगे लिखा -आइए इसे समझते हैं। इन अंधेरी गलियों में, आपको टूटे हुए सपने, कुचले हुए सपने, दबे हुए सपने मिलेंगे। बॉलीवुड अगर किस्सों का म्यूजियम है तो टैलेंट का कब्रिस्तान भी है। यह रिजेक्शन के बारे में नहीं है। यहां जो भी आता है, जानता है कि रिजेक्शन, डील का हिस्सा है।

विवेक ने आगे लिखा -बॉलीवुड अपमान और शोषण के बारे में जो आपके सपनों, आशाओं और उम्मीदों को तोड़ देता है। खाने के बिना आदमी जिंदा रह सकता है, लेकिन सम्मान, आत्म-मूल्य और आशा के बिना जीना असंभव है। कोई भी मध्यमवर्गीय युवा उस स्थिति में होने की कल्पना करके कभी बड़ा नहीं हुआ।

विवेक ने आगे कहा कि यह बहुत ही दुख की बात है कि कोई लड़ाई करने के बजाय हार मान लेता है। वो लोग खुशनसीब हैं जो घर वापस लौट पाते हैं। जो रह जाते हैं वो टूट जाते हैं। जिन लोगों को कुछ सफलता मिल जाती है (असली नहीं), वो ड्रग्स, शराब और हर तरह की ऐसी चीजों में शामिल हो जाते हैं, जो जिंदगी तबाह कर देती हैं।

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