नेहा धूपिया के चैट शो पर कियारा आडवाणी ने अपने मास्टरबेशन वाले सीन को लेकर कई खुलासे किये थे। कियारा ने यह भी बताया कि इस सीन के लिए उन्होंने कैसे तैयारी की और कहां से सीखा। कियारा के मास्टरबेशन सीन पर चर्चा हुई तो उन्होंने बताया कि किस तरह वह क्लाइमैक्स सीन शूट किया गया। इस खास सीन में उन्होंने वाइब्रेटर का इस्तेमाल किया था।
अगर आपने नेटफ्लिक्स ओरिजिनल फेम ‘लस्ट स्टोरीज़’ सीरीज देखी है तो उसका वाइब्रेटर सीन आपको ज़रूर याद होगा। उस सीन के बैकग्राउंड में कभी खुशी कभी गम का टाइटल ट्रैक चल रहा होता है, जिसमें एक्ट्रेस कियारा आडवाणी ऑर्गैज्म तक पहुंचने के लिए वाइब्रेटर का इस्तेमाल करती हैं। कियारा आडवाणी ने मास्टरबेशन वाले सीन पर चर्चा करते हुए बताया कि किस तरह उन्होंने क्लाइमैक्स वाला सीन शूट किया था। कियारा बताती हैं कि वे इस सीन के शूट से पहले काफी नर्वस थीं। उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि क्या, कैसे करना है। फिर डायरेक्टर करण जौहर ने उन्हें इस सीन को करने के कई तरीके बताए और दिलासा दिया कि उनका वाइब्रेटर वाला सीन फिल्म में कुछ देर के लिए ही पर्दे पर दिखाई देगा।
नेहा धूपिया के साथ उनके चैट शो 'नो फिल्टर' में कियारा से पूछा कि वह कैमरे पर इतनी खूबसूरती से क्लाइमेक्स कैसे कर पाई? कियारा ने बताया, करण चाहते थे कि वे इस सीन के दौरान सीरियस रहें और बिलकुल भी हंसें नहीं। लेकिन उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि इस सीन में उन्हें रिएक्शन कैसे देने हैं। फिर कियारा ने यह भी बताया कि उन्होंने गूगल पर सर्च करके वाइब्रेटर को इस्तेमाल करने का तरीका जाना। उन्होंने फिल्म ‘द अगली ट्रूथ’ का मास्टरबेशन वाला सीन देखकर भी अपने शूट की तैयारी की।
यह भी पढें-जब अजय देवगन को बेटे युग ने मार दिया था जोरदार थप्पड़, परिणीति चोपड़ा थी वजह! बता दें कि आजकल फिल्मों में महिलाओं के मास्टरबेशन सीन काफी कॉमन हो गये हैं। इससे पहले वीरे दी वेडिंग में स्वरा भास्कर को मास्टरबेट करते हुए दिखाया गया था, जिस पर काफी हो- हल्ला मचा था। लस्ट स्टोरीज़ में नेहा धूपिया और कियारा आडवाणी को भी मास्टरबेट करते हुए दिखाया गया है और इसे लेकर फिल्म की खासी आलोचना भी हुई थी। यहां आपको यह बताना भी जरूरी है कि लस्ट स्टोरीज़ चार अलग-अलग शॉर्ट फिल्मों का संग्रह है, जो नेटफ्लिक्स ओरिजिनल पर ही उपलब्ध है। इसकी चारों शॉर्ट फिल्मों को अलग- अलग निर्देशकों ने डायरेक्ट किया है, जिनमें अनुराग कश्यप, दिबाकर बैनर्जी, ज़ोया अख्तर और करण जौहर शामिल हैं। ये चारों फिल्में प्रमुख रूप से महिलाओं की प्यार की तलाश को गहरी भावनात्मकता के साथ दर्शाती हैं।