
कल्याण सिंह के आशीर्वाद से भाजपा उम्मीदवार को हराकर संसद पहुंचे थे पूर्व सपा सांसद कमलेश वाल्मीकी
नाेएडा। पूर्व सपा सांसद कमलेश वाल्मीकी की मौत की खबर जब सोमवार को बुलंदशहर और आसपास के जिलों में फैली तो लोगों को यकीन ही नहीं हुआ। उनका शव उनके घर में बेड में पड़ा मिला था। पुलिस अभी तक जहर से मौत होने की आशंका जता रही है। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा।
कल्याण सिंह का माना जाता है दबदबा
बुलंदशहर लोकसभा सीट पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का दबदबा माना जाता रहा है। यहां जिसको उनका आशीर्वाद मिलता है, उसकी जीत तय मानी जाती है। कमलेश वाल्मीकी को भी उनका आशीर्वाद मिला था। कमलेश वाल्मीकी वर्ष 2009 में बुलंदशहर सुरक्षित लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे थे। उनको उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह का खास माना जाता था। 2009 के लोकसभा चुनाव में कमलेश वाल्मीकी ने भाजपा उम्मीदवार अशोक प्रधान को हराया था।
कल्याण सिंह ने पहुंचाया था संसद
दरअसल, लोकसभा चुनाव 2009 से पहले कल्याण सिंह भाजपा से नाराज चल रहे थे। इसको देखते हुए उन्होंने तत्कालीन सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से हाथ मिला लिया था। इसके बाद उन्होंने कमलेश वाल्मीकि को सपा से लोकसभा का टिकट दिला दिया। इतना ही नहीं कल्याण सिंह ने कमलेश वाल्मीकी के लिए वोटरों को भी जुटाया और उनको संसद पहुंचने में मदद की।
खेलो पत्रिका Flash Bag NaMo9 Contest और जीतें आकर्षक इनाम, कॉन्टेस्ट मे शामिल होने के लिए http://flashbag.patrika.com पर विजिट करें।
सपा छोड़कर नहीं गए पूर्व सांसद
इसके बाद कल्याण सिंह की घर वापसी हो गई। वह भाजपा में वापस आ गए लेकिन कमलेश वाल्मीकी सपा में ही बने रहे। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी सपा ने उनको बुलंदशहर सुरक्षित सीट से टिकट दिया। इस बार उनके सामने भाजपा ने डॉ. भोला सिंह को मौका दिया था। पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में कमलेश वाल्मीकी तीसरे नंबर पर आए थे। उन्होंने अपने जीवन में दो बार ही चुनाव लड़ा था।
बुलंदशहर में हुआ था जन्म
पूर्व सांसद का जन्म 3 दिसंबर 1967 को बुलंदशहर में ही हुआ था। कमलेश वाल्मीकि आठ भाई थे। उनके दो भाइयों की मौत पहले ही हो चुकी थी। उनके सबसे बड़े भाई मुकेश और छोटे दिनेश, बृजेश, खन्ना व सुदेश घर से कुछ दूर ही रहते हैं। वह अपने पीछे पत्नी सविता और पुत्र वासु को छोड़ गए हैं।
Published on:
28 May 2019 10:45 am
बड़ी खबरें
View Allबुलंदशहर
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
