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बलिया जेल में बवाल, कैदियों ने बंदी रक्षकों पर किया पथराव, कई थानों की पुलिस और पीएसी बुलानी पड़ी दरअसल, घटना अनूपशहर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की है। जहां गत 25 फरवरी को एक व्यक्ति की पत्नी और दो बेटियां खेत पर काम करने के लिए गए हुए थे। खाना खाने के बाद एक बच्ची पानी पीने के लिए पास में ही हरेंद्र के घर में चली गई थी। काफी देर बाद परिजनों को बच्ची नहीं मिली तो पुलिस को जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस को बच्ची का शव हरेंद्र के घर के आंगन में दबा मिला। इस मामले में आरोपी हरेंद्र 3 मार्च को शिमला से गिरफ्तार किया गया था। हरेंद्र ने कबूला था कि उसने शराब पीने के बाद बच्ची से दुष्कर्म किया था। पकड़े जाने के डर से मुंह दबाकर बच्ची की हत्या कर दी और उसे गड्ढे में दबाकर फरार हो गया था।
आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट बनाकर स्थानीय कोर्ट में पेश किया था और आरोपित हरेंद्र को जेल भेज दिया था। पॉक्सो कोर्ट में इसकी सुनवाई चल रही थी। गुरुवार को इस मामले में कोर्ट का फैसला आ गया। एडीजीसी सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि कोर्ट ने हरेंद्र को दोषी पाते हुए हत्या, दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट में फांसी की सजा सुनाई है। दोषी पर कुल 1.20 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है।