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Bundi: ‘वसीम को नहीं बचाने का जीवनभर रहेगा मलाल…’, बह गए नदी किनारे नहा रहे 3 किशोर, 1 की मौत, बाल-बाल बची 2 की जान

Rajasthan News: 15 मिनट की मशक्कत के बाद मुबारिक और अल्फेज को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, लेकिन वसीम पानी में डूब गया।

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मेज नदी में डूबा बालक वसीम की फाइल फोटो और मछली पकड़ रहा युवक अंसार (पत्रिका)

3 Teenager Drown In Mej River: बूंदी के हिण्डोली दबलाना थाना क्षेत्र के अलोद कस्बे में मंगलवार दोपहर मेज नदी में नहाते समय 3 किशोर बह गए। इनमें से दो को एक युवक ने बचा लिया, जबकि तीसरा डूब गया।

जानकारी के अनुसार अलोद निवासी मुबारिक (16), अल्फेज (14) और वसीम (15) मेज नदी घाट पर नहा रहे थे। अचानक नदी में बहाव तेज होने के कारण तीनों बह गए। पास खड़े लोगों ने उन्हें बहता देखकर शोर मचाया। इसी दौरान वहां मछली पकड़ रहे युवक अंसार ने साहस दिखाते हुए नदी में छलांग लगाई।

उसने करीब 15 मिनट की मशक्कत के बाद मुबारिक और अल्फेज को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, लेकिन वसीम पानी में डूब गया। हादसे की सूचना मिलने पर दबलाना थाने के प्रभारी महेंद्र कुमार मय जाब्ता मौके पर पहुंचे एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीम ने वसीम की तलाश शुरू की।

जीवनभर रहेगा मलाल

अंसार ने बताया कि वह नदी के मुहाने पर मछली पकड़ रहा था। तभी तीनों बच्चे नदी में बहते नजर आए। बिना कुछ सोचे नदी में छलांग लगा दी। मुबारिक व अल्फेज को बचाकर बाहर ले आया लेकिन समय अधिक लग गया। वसीम को नहीं बचाने का मलाल जीवनभर रहेगा।

सारा अनाज भीग गया, बदबू मार रहा

पिछले दिनों हुई बरसात से मेज नदी में उफान के कारण पास ही स्थित कोथा गांव में बाढ़ आ गई। यहां लोगों के घरों में पानी भर गया। घर में रखा सारा अनाज भीग गया। यह अनाज फूल गया और उसमें से बदबू आने लगी। मंगलवार को मौसम साफ होने के बाद लोग घरों की सार संभाल में जुट गए। गांव की भरोसी बाई का कहना था कि बरसाती पानी से घर मे रखा गेहूं, दालें भीग गई। इसमें से बदबू आने लगी। अब यह खाने लायक नहीं रहा। उसका कहना था कि अब सरकार उनकी मदद करें। खाने के लिए राशन और मुआवजा राशि मुहैय्या कराएं।