एक तरफ जहां सरकार शिक्षा विभाग को अपडेट करने में लगी है वहीं ये शिक्षक न सिर्फ सरकार की योजनाओं को पलीता लगा रहें है बल्कि शिक्षा अधिकारियों के निर्देशों को भी अनसुना कर रहें है।
गुरुवार को जिले के सरकारी स्कूलों में प्रमुख रूप से आईसीटी लैब, एसआईक्यू व विज्ञान प्रयोगशाला को लेकर जब अतिरिक्त परियोजना समन्वयक, रमसा सतीश जोशी, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी चंद्र प्रकाश राठौर व डाइट वरिष्ठ व्याख्याता खुमान सिंह ने जिले के झौपडिय़ा नया गांव, बाछोला एवं जजावर आदर्श स्कूलों का औचक निरीक्षण किया तो शैक्षणिक व्यवस्था की पोल खुल गई।
झौपडिय़ा नया गांव में विज्ञान प्रयोग शाला के लिए विद्यालय को उपलब्ध करवाई गई करीब डेढ लाख से भी अधिक की सामग्री बक्से में बंद मिली। यहीं स्थिति जजावर में भी सामने आई।
उधर बाछोला में तो विज्ञान प्रयोग शाला ही नही। सबसे बड़ी बात यह है कि तीनो ही विद्यालय में बच्चों ने आईसीटी लैब के दर्शन तक नही किए। यह लैब तीनों ही जगह बंद मिली। यहां तक की शिक्षको ने ब्रॉड बेंड कनेक्शन के लिए कोई कार्रवाई ही नही की गई। जबकि दो महिने पहले ही शिक्षा विभाग विद्यालयों में एडवांस बजट दिया गया है।
उधर बाछोला में तो विज्ञान प्रयोग शाला ही नही। सबसे बड़ी बात यह है कि तीनो ही विद्यालय में बच्चों ने आईसीटी लैब के दर्शन तक नही किए। यह लैब तीनों ही जगह बंद मिली। यहां तक की शिक्षको ने ब्रॉड बेंड कनेक्शन के लिए कोई कार्रवाई ही नही की गई। जबकि दो महिने पहले ही शिक्षा विभाग विद्यालयों में एडवांस बजट दिया गया है।
नही बता पाए गुरुजी एसआईक्यूई की फुल फॉर्म-
तीन साल से जो शिक्षक एसआईक्यू का ेलेकर ट्रेनिंग कर रहें थे। उन प्रशिक्षित शिक्षको को एसआईक्यू की फुल फॉर्म तक नही आती। जी हां औचक निरीक्षण में जब रमसा सतीश जोशी ने शिक्षको से एसआईक्यूई के बारे में डिटेल लेनी चाही तो बगले झांकते नजर आए। अधिकारियों ने शिक्षकों के इस रवैये को बेहद ही शर्मिदगी पूर्ण बताया साथ ही उन्होनें कहा कि ऐसे शिक्षक बच्चों को क्या शिक्षा देगें।
तीन साल से जो शिक्षक एसआईक्यू का ेलेकर ट्रेनिंग कर रहें थे। उन प्रशिक्षित शिक्षको को एसआईक्यू की फुल फॉर्म तक नही आती। जी हां औचक निरीक्षण में जब रमसा सतीश जोशी ने शिक्षको से एसआईक्यूई के बारे में डिटेल लेनी चाही तो बगले झांकते नजर आए। अधिकारियों ने शिक्षकों के इस रवैये को बेहद ही शर्मिदगी पूर्ण बताया साथ ही उन्होनें कहा कि ऐसे शिक्षक बच्चों को क्या शिक्षा देगें।
जून में शिक्षा सत्र शुरू हो गया लेकिन जुलाई तक यहां क्लासे नही लगी।
शैक्षणिक व्यवस्था जिस रिदम से होनी चाहिए थी वैसा कुछ नही मिला।
तीनों स्क्ूलों के संस्था प्रधानों को नोटिस दिए गए है।