23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Bundi: गांवों में खेत बने तालाब, गलने लगी फसलें, किसानों ने सीएडी विभाग से की पानी निकासी और सर्वे की मांग

मामले को लेकर सीएडी मुख्य प्रबंधक संदीप माथुर को पूर्व जिला प्रमुख महावीर मीना ने अवगत कराते हुए कहा कि दो दर्जन से भी अधिक गांवों के किसानों की फसलें बरसाती पानी में जलमग्न है।

less than 1 minute read
Google source verification

नोताडा क्षेत्र के खेतों में भरा बरसात का पानी (फोटो: पत्रिका)

बूंदी के लाखेरी उपखंड क्षेत्र के नोताडा, मालिकपुरा देईखेडा, घाटकाबराना, कोटडी, झपायता, चहिंचा, कोटा खूर्द, गुहाटा, लबान, डपटा, डडवाडा आदि गांवों में सोयाबीन, उड़द, धान आदि फसलें बरसात के पानी से नष्ट हो रही है। किसानों की हजारों हेक्टेयर बीघा खेतों के पानी निकासी नहीं हो रहा है। मामले को लेकर सीएडी मुख्य प्रबंधक संदीप माथुर को पूर्व जिला प्रमुख महावीर मीना ने अवगत कराते हुए कहा कि दो दर्जन से भी अधिक गांवों के किसानों की फसलें बरसाती पानी में जलमग्न है।

किसानों द्वारा लाखो रुपए खर्च करके बुआई की जाती है, लेकिन हर साल सीएडी का ड्रेनेज सिस्टम (पानी निकासी) का कोई ठोस कदम नहीं उठाने से किसानों को लाखों रुपयों का आर्थिक नुकसान भुगतना पड़ता है। मीना ने कहा कि सम्पूर्ण क्षेत्र के पानी निकासी का प्रस्ताव सीएडी विभाग के पास पडा हुआ है। इसके बावजूद सीएडी विभाग व राज्य सरकार डीपीआर तैयार नहीं करवा रही है।

मुख्य अभियंता से शीघ्र ही डीपीआर तैयार कर पानी निकासी व ड्रेनेज सिस्टम स्वीकृत करने की मांग की है। वहीं सरपंच संघ अध्यक्ष बद्रीलाल मीना, देईखेडा सरपंच राजकुमार मीना, कांग्रेस नेता अशोक मीना,जल वितरण समिति अध्यक्ष रामगोपाल चौधरी, रामगंज माईनर अध्यक्ष लखन मीना, प्रतापगढ़ माईनर अध्यक्ष लटूर लाल आदि नेताओं ने किसानों की नष्ट बर्बाद फसलों का सर्वे करवाकर मुआवजा दिलाने व शीघ्र पानी निकासी का ड्रेनेज सिस्टम स्वीकृत करने की मांग की है।