
बूंदी. पक्षियों की मौजूदगी वातावरण में मिठास घोलती है। उनकी कलरव जब गूंजता है तो एक जीवित पर्यावरण का अहसास होता है। सुबह नींद खुलने के साथ पक्षियों की चहचाहट दिल दिमाग को सुकून देती है, लेकिन यह कलरव हमेशा बरकरार रहे इसके लिए इन्हें सुरक्षित रखने का जिम्मा हमारा है। पत्रिका इन बेजुबानों के दर्द को समझते हुए, कैंपेन चला रहा है, आओ हम भी बने पक्षी मित्र। ताकि गर्मियो के दिनो मंे पक्षी प्यासे ना मर जाए।
इस कैंपेन से जुड़ते हुए दाधीच महिला मंडल ने अपनी भागीदारी निभाते हुए पक्षियो के लिए दाना पानी की व्यवस्था की। नवलसागर झील स्थित मंशापूर्ण गणेश मंदिर से अभियान की शुरूआत करते हुए उद्यान में पेड़ो पर परींडे बांधे। महिला मंडल सदस्यो ने मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर पक्षियों के पीने की व्यवस्था की। गर्मी शुरू होने के साथ ही पानी का संकट गहरा जाता है, इन सब के बीच इन बेजुबान पानी के लिए तरसते रहते हैं। कई पक्षियों की प्यास के चलते मौत हो जाती है।
इसी दर्द को समझते हुए महिला मंडल सदस्यो ने सकोरो का वितरण कर संकल्प लिया कि शहर में जगह जगह परिंडे बांधकर परिदों के लिए दाने पानी की व्यवस्था की जाएगी। महिला मंडल अध्यक्ष सुलोचना शर्मा ने बताया कि इस अभियान को पहले अपने घर से शुरूआत करेगें। पत्रिका सामाजिक सरोकार से जुडक़र इसकी पहल की है।
घर के बाहर पानी का इंतजाम और इसी के साथ कॉलोनी के लोगों को भी पक्षियों के मित्र बनने का संकल्प लिया है। इस दौरान उपाध्यक्ष सुनीता दाधीच, आशा, सोना, शशि दाधीच, अर्चना, रश्मि, ब्रजेश नंदनी कमलेश, रेखा, कल्पना, मीनाक्षी , प्रमिला दोराश्री
Published on:
13 Mar 2018 03:01 pm
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