
कुख्यात अपराधी
बूंदी- दिनदहाड़े कोर्ट परिसर में हुई फायरिंग की घटना के बाद पुलिस प्रशासन की कार्यशैली संदेह के घेरे में आ गई है। घटना के बाद न्यायालय परिसर में मौजूद पुलिसकर्मी भी अपनी जान बचाने के लिए भाग छूटे। बैखोफ हमलावरों ने पुलिस के सामने ही अंधाधुंध फायरिंग की लेकिन कैदी को बचाने की जगह बूंदी की ये डरपोक पुलिस छिपती नजर आई। भरी अदालत में लगातार की गई फायरिंग से हमलावर तीनों युवकों ने मुंह नहीं ढक रखा था। पुलिस की इस हरकत के बाद हमलावरोंं ने करीब सात मिनट तक फायरिंग की और मौके से भाग छूटे। हमलावरों को पुलिस का कोई खौफ नहीं था। यही कारण रहा कि उन्होंने पुलिस हिरासत में ही कैदी पर गोलियां दाग दी।
...चीख निकल पड़ी
गेट पर तीन फायर किए तो मौजूद महिला कांस्टेबल की तेज चीख निकल पड़ी। वह मारे दहशत छिप गई और जोर जोर से रोने लगी। जब उससे रोने का कारण पुछा तो महिला कांस्टेबल ने कहा कि उसे फायरिंग से डर लगता है। पुलिस चौकी में मौजूद जाब्ता दुबक गया। यही हाल बैरक के बाहर का रहा।
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कैदी को पकड़ लिया
एक चालानी गार्ड ने खूब हि मत दिखाई। गेट पर हो रही फायरिंग के दौरान ही उसने सडक़ पर पड़े कैदी को फिर से पकड़ लिया। उसे डर था कि कहीं कैदी फरार न हो जाए। हालांकि अन्य पुलिस कांस्टेबल उसके देर तक चिल्लाने के बाद पहुंचे।
हरियाणा से लाए थे प्रोडक्शन वारंट पर बूंदी-
पुलिस सूत्रों के अनुसार बूंदी जिले के दबलाना थाना क्षेत्र में वर्ष २०१५ में भूमि विवाद हुआ था। जिसमें प्राण घातक हमला, अपहरण व अन्य धाराओं में राकेश उर्फ पप्पू के खिलाफ मामला दर्ज था। आरोपित राकेश हरियाणा में भी वांटेड था। दो माह पहले हरियाणा पुलिस ने उसे गिर तार किया था। सूचना पर बीते दिनों दबलाना पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर बूंदी आई थी। हिण्डोली न्यायालय में आरोपित को पेश किया, जहां से उसे ५ अक्टूबर २०१७ को बूंदी तालाबगांव जेल भेज दिया था। तब से आरोपित बूंदी जेल में बंद था।
Published on:
06 Dec 2017 10:41 pm
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