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विशालकाय शिव पिंड के साथ सबसे बड़ी मूर्ति, जानिए इसमें और क्या है खास

नर्मदा से लाए गए 14 टन वजनी पत्थर से निर्मित शिव पिंड, विशाल नंदी मूर्ति biggest shiv ling biggest shiv statue famous shiv statue of india Unique Statue Of India

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biggest statue of mp biggest statue of india Burhanpur Unique Statue

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बुरहानपुर. देश—दुनिया में बुरहानपुर प्राचीन शहर के रूप में जाना जाता रहा है. यहां अभी भी अनेक प्राचीन मंदिर हैं जिनमें 1600 शताब्दी से भी पहले के मंदिर भी शामिल हैं। शहर में अब एक और अनूठा काम चल रहा है। मोहना संगम रोड स्थित प्राचीन गणेशजी मंदिर परिसर में एक विशाल मूर्ति बनवाई जा रही है। श्री सिद्धेश्वर एवं तापेश्वर मंदिर ट्रस्ट द्वारा इसका निर्माण कराया जा रहा है।

ताप्ती तट पर बनाई जा रही इस मूर्ति का निर्माण राजस्थान के मूर्तिकारों द्वारा किया जा रहा है। पिछले दो माह से यह निर्माण कार्य चल रहा है। समिति अध्यक्ष प्रशांत पाटिल का दावा है कि शिवदूत नंदी की यह मूर्ति प्रदेश में सबसे ऊंची होगी। यह विशाल नंदी प्रतिमा सीमेंट से बनाई जा रही है और बाद में इस पर धातु से निर्मित रंग चढ़ा दिया जाएगा।

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दरअसल यहां विशालकाय शिव पिंड स्थापित है। समिति के धनराज महाजन बताते हैं कि यह 21 फीट लंबा और 33 फीट चौड़ा है। यह नर्मदा से लाए गए 14 टन वजनी पत्थर से निर्मित है। जहां शिव हैं वहां नंदी हैं— इसी भावना के साथ समिति की ओर से यहां पर नंदी महाराज की मूर्ति स्थापित की जा रही है। भक्तों का कहना है कि शिवजी के साथ नंदी का अलग ही महत्व है।

नंदी महाराज शिवजी के वाहन ही नहीं, वे उनके परम भक्त भी हैं। उनके दर्शन मात्र से मन को असीम शांति प्राप्त होती है। कहा जाता है कि शिव गहन समाधि में डूबे रहते हैं, क्योंकि वे महान तपस्वी भी हैं। इसलिए अपनी मनोकामना नंदी से कही जाए तो वे भगवान शिव तक उसे जरूर पहुंचाते हैं। यही कारण है कि शिव पिंड स्थापित करने के बाद अब नंदी प्रतिमा भी स्थापित कराई जा रही है।

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यह नंदी मूर्ति करीब 21 फीट चौड़ाई और 12 फीट ऊंचाई की होगी। मूर्ति का निर्माण तेज गति से चल रहा है और महाशिवरात्रि पर पूजन कर उनके दर्शन शुरू करा दिए जाएंगे। शिवभक्तों के लिए आकर्षण का अहम केंद्र होगा। जहां ये प्रतिमा आकार ले रही है उस प्राचीन गणेशजी मंदिर पर श्री सिद्धेश्वर एवं तापेश्वर मंदिर ट्रस्ट द्वारा विविध आयोजन किए जा रहे हैं। यहां पांच सालों से चतुर्थी पर लड्डू का भोग लगा रहे हैं। इस साल 51 हजार लड्डू का भोग लगाया गया।