खापरखेड़ा में घरों के बाहर आ गए ग्रामीण
इच्छापुर के पास बोरसल गांव के खापरखेड़ा में लोग भूकंप के झटके महसूस होने पर घरों के बाहर आ गए। गांव के कृष्णा नामदेव महाजन ने बताया कि दो सेकंड का यह झटका महसूस किया। हम खाना खा रहे थे, तभी कुछ बर्तन भी अपने आप गिरे। ऐसा लगा कि भूकंप का झटका तो नहीं, लेकिन कुछ देर बाद गांव में लोग घबराकर बाहर जमा होने लगे, चिल्ला चोट होने पर सुनिश्चित हो गया कि भूकंप का झटका ही था। घबराकर लोग आधे घंटे तक बाहर ही खड़े रहे। इसी तरह चापोरा, इच्छापुर, लोनी, अजनाड़, बोरसल, अंतुर्ली, मुक्ताई नगर तहसील में पुनखेड़ा गांव में भूकंप के झटके महसूस किए। वहीं बोरी में झटके महसूस किए गए।
इच्छापुर के पास बोरसल गांव के खापरखेड़ा में लोग भूकंप के झटके महसूस होने पर घरों के बाहर आ गए। गांव के कृष्णा नामदेव महाजन ने बताया कि दो सेकंड का यह झटका महसूस किया। हम खाना खा रहे थे, तभी कुछ बर्तन भी अपने आप गिरे। ऐसा लगा कि भूकंप का झटका तो नहीं, लेकिन कुछ देर बाद गांव में लोग घबराकर बाहर जमा होने लगे, चिल्ला चोट होने पर सुनिश्चित हो गया कि भूकंप का झटका ही था। घबराकर लोग आधे घंटे तक बाहर ही खड़े रहे। इसी तरह चापोरा, इच्छापुर, लोनी, अजनाड़, बोरसल, अंतुर्ली, मुक्ताई नगर तहसील में पुनखेड़ा गांव में भूकंप के झटके महसूस किए। वहीं बोरी में झटके महसूस किए गए।
बुरहानपुर शहर में भी लगे झटके
इंदिरा कॉलोनी निवासी ललित जैन ने बताया कि हम सपरिवार सहित घर पर थे, अचानक भूकंप के झटके महसूस हुए। बाहर आकर देखा तो सामान्य स्थिति दिखी, किसी तरह की कोई चर्चा नहीं रही लेकिन पांच मिनट बाद कॉल आना शुरू हो गए कि भूकंप के झटके महसूस किए। यह झटके लालबाग, शनवारा क्षेत्र रोड पर भी महसूस किए गए। इंदिरा कॉलोनी निवासी मनोज पाटिल ने कहा कि हमें भी हल्का झटका महसूस हुआ।
इंदिरा कॉलोनी निवासी ललित जैन ने बताया कि हम सपरिवार सहित घर पर थे, अचानक भूकंप के झटके महसूस हुए। बाहर आकर देखा तो सामान्य स्थिति दिखी, किसी तरह की कोई चर्चा नहीं रही लेकिन पांच मिनट बाद कॉल आना शुरू हो गए कि भूकंप के झटके महसूस किए। यह झटके लालबाग, शनवारा क्षेत्र रोड पर भी महसूस किए गए। इंदिरा कॉलोनी निवासी मनोज पाटिल ने कहा कि हमें भी हल्का झटका महसूस हुआ।
बुरहानपुर में नहीं भूकंप मापक यंत्र
भूकंप के झटके महसूस होने के बाद अफसरों की भी नींद उड़ गई। देर तक पता लगाते रहे कि भूकंप आया है या नहीं। बड़ी गंभीर बात यह है कि बुरहानपुर में भूकंप मापक यंत्र नहीं है। इसलिए कितने रिएक्टर पर यह झटके महसूस हुए इसका पता नहीं चल सका। तहसीलदर पीआर परमार ने कहा कि झटके महसूस होने की खबर तो मिली है, वे भी सही पता नहीं लगा सके कि कितने रिएक्टर पर यह झटका महसूस किया गया। बता दें कि खकनार के बालापाट में भी भूकंप मापक यंत्र बना था, जो अब जर्जर हालात में है।
भूकंप के झटके महसूस होने के बाद अफसरों की भी नींद उड़ गई। देर तक पता लगाते रहे कि भूकंप आया है या नहीं। बड़ी गंभीर बात यह है कि बुरहानपुर में भूकंप मापक यंत्र नहीं है। इसलिए कितने रिएक्टर पर यह झटके महसूस हुए इसका पता नहीं चल सका। तहसीलदर पीआर परमार ने कहा कि झटके महसूस होने की खबर तो मिली है, वे भी सही पता नहीं लगा सके कि कितने रिएक्टर पर यह झटका महसूस किया गया। बता दें कि खकनार के बालापाट में भी भूकंप मापक यंत्र बना था, जो अब जर्जर हालात में है।