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नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान और आदिवासी संगठन का विरोध प्रदर्शन

- तहसीलदार को दिया ज्ञापन

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Farmers and tribal organizations protest against new agricultural laws

Farmers and tribal organizations protest against new agricultural laws

बुरहानपुर. केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में शनिवार को कलेक्टर कार्यालय में प्रगतिशील किसान एवं आदिवासी संगठन ने भी विरोध प्रदर्शन कर दिल्ली के किसानों का देशव्यापी आंदोलन का समर्थन किया। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को ज्ञापन दिया।
प्रगतिशील किसान संगठन संरक्षक शिवकुमार सिंह कुश्वाह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा देश में किसान विरोधी कानून पारित किया गया है।देश का किसान पिछले सात माह से दिल्ली में आंदोलन कर काले कानून वापस लेने की लड़ाई लड़ रहे है। आंदोलन को सात माह पूरे होने पर देशव्यापारी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया। बुरहानपुर में भी किसान संगठन इस काले कानून का विरोध करता है। जागृत आदिवासी दलित संगठन के रतन अलावे ने कहा कि फसलों की लागत पर डेढ़ गुना दाम पर खरीदी की कानूनी गारंटी और नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर विरोध दर्ज कराया। राष्ट्रीय किसान आयोग के सिफ ारिशों के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य फसल की लागत का डेढ़ गुना बढ़ाने की मांग की गई।
सरकार के खिलाफ लगाए नारें
सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक जिलेभर से आदिवासी किसान कलेक्टर कार्यालय परिसर में एकत्रित हुए। नए कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर किसानों की समस्याओं को उठाया। बुरहानपुर में केला उत्पादकों को बीमा राशि पूरी नहीं मिलने , मौसम आधारित फसल बीमा की पूरी राशि उपलब्ध कराने सहित अन्य समस्याओं को लेकर ज्ञापन दिया गया।