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बुरहानपुर सीमा में प्रवासियों के रुकने के आधे अधूरे इंतजाम, सोशल डिस्टेंसिंग को भूले

locationबुरहानपुरPublished: Apr 02, 2020 09:25:17 pm

Submitted by:

ranjeet pardeshi

– महाराष्ट्र के सावदा से ४५ किमी दूर बने हैं केंद्र- प्रभारी बोले सभी की जांप्रवासियों के रुकने के आधे अधूरे इंतजाम, एक कमरे में पास-पास लगा दिए पलंग, भूले सोशल डिस्टेंस- पत्रिका ग्राउंडरिपोर्ट – सोशल डिस्टेंसिंग भूले – महाराष्ट्र के सावदा से ४५ किमी दूर बने हैं केंद्र- प्रभारी बोले सभी की जांच कराने के बाद ही यहां ठहरा रहे

 Half incomplete arrangements for migrants' halt in Burhanpur border, forget social distancing

Half incomplete arrangements for migrants’ halt in Burhanpur border, forget social distancing

बुरहानपुर. लॉकडाउन के दस दिन बीत चुके हैं, अब काम के लिए अन्य शहरों में रहने वाले लोगों के घरों में राशन पानी समाप्त होने के बाद वे अपने गृह नगर की ओर निकल पड़े हैं। हर रोज १०० प्रवासी अपना सामान कंधे पर लादकर हाईवे पर पैदल चलते हुए अंतरराज्यीय सीमा से बुरहानपुर में आ रहे हैं। जहां उनके रुकने के लिए जिला प्रशासन ने बुरहानपुर की सीमाओं पर ठहरने के इंतजाम किए गए हैं। खाने और नाश्ते से लेकर बेहतर व्यवस्था इनके लिए की है, लेकिन जो महत्वपूर्णसोशल डिस्टेंसिंग रखना है वह भूल गए। एक ही कमरे में पास-पास पलंग लगा दिए। जहां यह प्रवासी रुक रहे हैं। इस पर प्रभारी का कहना है कि साी की जांच के बाद ही इन्हें यहां ठहराया जाता है।
सबसे अधिक आवागमन महाराष्ट्र के रावेर से होते हुए बुरहानपुर के लोनी सीमा से हो रहा है। जहां प्रवासियों के लिए बहादरपुर में बने आदिवासी बालक अंग्रेजी आश्रम केंद्र को प्रवासी केंद्र बनाया है, लेकिन यहां सबसे महत्वपूर्ण सोशल डिस्टेसिंग के नियम को भूल गए। एक कमरे में ६ से ७ पलंग एक दूसरे से लगाकर रख दिए, जिस पर सभी सो रहे हैं। ऐसे में संक्रमण फैलने का डर बना हुआ है। यहां सभी के लिए भोजन, नाश्ता और सेनेटाइज से हाथ भी धुलवा रहे हैं।
केवल दो दिन का आसरा
प्रशासन की ओर से देड़तलाई, इच्छापुर और बहादरपुर में आश्रय स्थल बनाए हैं। यहां दो दिन तक प्रवासियों को ठहराने के बाद इन्हें अपने गंतव्य की ओर ट्रक से भेजा जा रहा है। बहादरपुर में बुधवार को ३८ लोगों को देड़तलाईभेजा गया। अब यहां पर गुरुवार को ३३ प्रवासी ठहरे रहे, इनमें उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं।

समाजसेवी भी दे रहे भोजन
राहत केंद्र पर समाजसेवी संगठन भी भोजन उपलब्ध करवा रहे हैं। गुरुवार को भाजपा नेता व दादा मित्र मंडल के प्रमुख ज्ञानेश्वर पाटिल ने सभी को भोजन के पैकेट बांटे। साथ में मास्क भी वितरण किया। ज्ञानेश्वर पाटिल ने बताया कि हमारा लक्ष्य एक लाख लोगों को मास्क बांटने का है।
– ३० मार्चसे अब तक २९२ लोग यहां २५९ को रवाना कर चुके हैं। इनके लिए नाश्ता, भोजन दे रहे हैं। सोशल डिस्टेंस के लिए इन्हें बार बार हिदायत दी जा रही है। थोड़ी व्यवस्था बनाने मेंं दिक्कत जा रही है। बार बार बता रहे हैं, एक दूसरे से दूरी बनाकर रखे।
– सुधीर ठाकरे, आश्रम प्रभारी
बीयू०३११ :एक कमरे में पास-पास लगा दिए पलंग पर बैठे प्रवासी।च कराने के बाद ही यहां रुका रहे
बुरहानपुर. अंतरराज्यीय सीमा से बुरहानपुर में हर रोज १०० के करीब प्रवासी आ रहे हैं। जहां उनके रुकने के लिए जिला प्रशासन ने बुरहानपुर की तीनों सीमाओं पर इंतजाम किए गए हैं। सबसे अधिक आवागमन महाराष्ट्र के रावेर से होते हुए बुरहानपुर के लोनी सीमा से हो रहा है। जहां प्रवासियों के लिए बहादरपुर में बने आदिवासी आश्रम केंद्र को प्रवासी केंद्र बनाया है, लेकिन यहां सबसे महत्वपूर्ण सोशल डिस्टेसिंग के नियम को भूल गए। एक कमरे में ६ से ७ पलंग एक दूसरे से लगाकर रख दिए, जिस पर सभी सो रहे हैं। ऐसे में संक्रमण फैलने का डर बना हुआ है। लेकिन आश्रम प्रभारी का कहना है कि जिला अस्पताल में सभी की जांच के बाद यहां ठहरा रहे हैं।
पूरे देश में लॉकडाउन करने के बाद बड़ी संख्या में मजदूर कोयंबटूर, नासिक, जलगांव, औरंगाबाद से आ रहे हैं। इसमें बुरहानपुर सहित उत्तरप्रदेश, राजस्थान और मप्र के रहने वाले लोग है। जो काम बंद होने के बाद जब घरों में अनाज खत्म हुआ तो अपने क्षेत्रों से पैदल ही निकल पड़े। कभी ट्रकों का सहारा मिला तो कभी पैदल चलते हुए छह से सात दिनों में बुरहानपुर पहुंच रहे हैं। महाराष्ट्र में सावदा के बाद सीधे बुरहानपुर बहादरपुर में केंद्र बनाया गया है। जहां प्रवासियों को ठहराया गया है। इसकी जिम्मेदार आरटीओ को दी गई है। यहां भोजन और नाश्ता तो समय पर मिल रहा है, सेनेटाइजर की भी व्यवस्था है। लेकिन जो सबसे महत्वपूर्ण है सोशल डिस्टेंसिंग उसकी अनदेखी कर दी। यहां तीन कमरों में लगभग ४ कमरों में ३५ लोगों को ठहराया गया है। इसके पास के दो भवन भी चिन्हित किए जहां अधिक संख्या होने पर ठहराएंगे। इसके अलावा महाराष्ट्र सीमा से लगे इच्छापुर में भी इच्छादेवी मंदिर ट्रस्ट के धर्मशाला में प्रवासियों को ठहराया गया है। यहां बुधवार को १० लोग ठहरे थे, गुरुवार को यह खाली रहा। देड़तलाई में मॉडल स्कूल को केंद्र बनाया है।
समाजसेवी भी दे रहे भोजन
प्रवास केंद्र पर समाजसेवी संगठन भी भोजन उपलब्ध करवा रहे हैं। गुरुवार को भाजपा नेता व दादा मित्र मंडल के प्रमुख ज्ञानेश्वर पाटिल ने सभी को भोजन के पैकेट बांटे।
महाराष्ट्र में नहीं है खाने पीने के इंतजाम
कोयंबटूर से राजस्थान जा रहे लोगों का कहना है कि केरल में बहुत बेहतर व्यवस्था थी। इसके बाद महाराष्ट्र में पीने के पानी को भी तरस गए। फिर बुरहानपुर में हमें रोका गया, जहां जांच कर भोजन भी दिया।
– सभी की जांच के बाद ही यहां ठहरा रहे हैं। समय पर सभी को खाने और नाश्ता का इंतजाम किया जा रहा है। गुरुवार को ३५ लोग यहां ठहरे है। दो से तीन दिन में इन्हें आगे की ओर ट्रकों से रवाना कर रहे हैं।
– सुधीर ठाकरे, आश्रम प्रभारी

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