उर्वरक निरीक्षक भूपेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया कि नेपानगर क्षेत्र के ग्राम रतागढ़ निवासी केला किसान मनीष पिता भगवानदास ने 13 फरवरी को नेपानगर एसडीएम को लिखित शिकायत कर केला फसल में डालने के लिए खरीदे पोटाश में यूरिया होने की शिकायत की थी। जांच के बाद सोमवार शाम 7 बजे कार्रवाई करते हुए बहादरपुर मार्ग स्थित श्री समर्थ फार्म पर इंडियन पोटाश लिमिटेड (आइपीएल) कंपनी का गोदाम सील किया गया। क्योंकि इसी कंपनी का पोटाश नेपानगर के रतागढ़ सहित अन्य गांवों के किसानों ने खरीदा था। किसान की शिकायत है कि पोटाश में यूरिया के दाने मिलाए हैं। शिकायत के बाद गोदाम में रखी पोटाश थैलियों के नमूने लिए गए । गोदाम में रखे स्टॉक की गिनती करने के बाद पंचनामा तैयार कर स्टॉक की बिक्री पर रोक लगाई जा रही है। कंपनी के अधिकारियों की मौजूदगी में गोदाम में रखी थैलियों से अलग-अलग नमूने लिए गए हैं। जांच के लिए भोपाल भेजने के बाद वहां से जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
तीन स्थानों से लिए नमूने, सभी गोदाम सील
कृषि विभाग अधिकारी मनोहर देवके ने बताया कि रतागढ़ के किसान की शिकायत के बाद शंका के आधार पर तीन स्थानों से अलग अलग स्टॉक के सैंपल लिए गए हैं। पहला सैंपल बीड़ स्थित सरकारी गोदाम से लेने के बाद मंगलवार को टीम ने अलग-अलग स्थानों पर कार्रवाई कर तीन स्थानों से नमूने लिए। दो सैंपल श्री समर्थ फार्म पर लेकर एक सैंपल एग्रो सर्विस सेंटर से लिए हैं। इसके साथ ही मार्केटिंग फेडरेशन के गोदाम को भी सील किया गया। इस कंपनी के पोटाश की बिकी पर अभी रोक लगा दी गई है। उर्वरक परीक्षण प्रयोगशाला से जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट में अगर पोटाश में यूरिया की मिलावट होती है तो कंपनी पर सख्त कार्रवाई होगी।
गोदाम में रखा था 225 टन पोटाश
पोटाश में यूरिया की मिलावट की शिकायत के बाद कृषि विभाग अधिकारियों ने गोदाम पर कार्रवाई करते हुए फिलहाल पोटाश की बिक्री पर रोक लगा दी है।श्री समर्थ फर्म में करीब 225 टन से अधिक पोटाश की थैलियां रखी हुई थी। जांच करने के लिए पहुंचे कृषि विभाग के अधिकारियों ने अलग अलग स्टॉक के पास जाकर नमूने लिए। कार्रवाई के दौरान सहायक संचालक जेएस रावत, सहायक संचालक एसएस कठेरिया, भारत सिंह वास्कले मौजूद थे।
फसलों में इस लिए उपयोग होता है पोटाश
कृषि विभाग अधिकारी मनोहर देवके ने बताया कि पोटाश का उपयोग फसलों को मजबूती देने के लिए किया जाता है। केला फसल के ताने को पोटाश मजबूत करता है, फसलों की क्वालिटी में सुधार होता है, रोगों से लडऩे की क्षमता बढ़ती है, दानें मजबूत होते है और फसल की क्वालिटी भी अच्छी दिखती है। पोटाश फसलों को मौसम के आधारपर सूखा, ओला, पाला कीट आदि से बचाव में मदद करने के साथ ही पौधों की कोशिका मोटी होती है और फसल गिरने से बच जाती है।
यूरिया सस्ता इसलिए होती है मिलावट
फसलों में उपयोग होने वाला पोटाश मंहगा होता है, जबकि यूरिया सस्ते दामों में मिलता है। पोटाश में यूरिया की मिलावट से किसानों को नुकसान होने के साथ ही फसलों को भी नुकसान पहुंच सकता है। असली पोटाश को फसलों के अंदर घुलने में 30 से 40 मिनट तक समय लगता है, जबकि यूरिया पानी में पूरी तरह से घुल जाता है। यूरिया की मिलावट होने पर पोटाश केली के पौधों में डालते ही जल्दी घुल जाता है।
– पोटाश में यूरिया की मिलावट होने की शिकायत पर तीन स्थानों से नमूने लिए गए हैं, कंपनी के स्टॉक की बिक्री पर रोक लगाई गई है, रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
मनोहर देवके, कृषि विभाग अधिकारी
– कंपनी के सैंपल इससे पहले भी लिए थे, जो पास हुए हैं। हमारे पास पूरी रिपोर्ट है, विभाग किसी भी एजेंसी से जांच करा सकता है।
सुनील मिश्रा, मार्किंग ऑफिसर, आइपीएल कंपनी