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ताप्ती नदी में हजारों मछलियों की मौत, पानी में ऑक्सीजन की कमी

- सुबह के समय पानी में तड़प रही मछलियां

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Thousands of fish died due to lack of oxygen in Tapti river

Thousands of fish died in Tapti river, lack of oxygen in the water

बुुरहानपुर. ताप्ती नदी में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने से हजारों मछलियां की मौत हो गई। सुबह 6 से 8 बजे के बीच छोटी एवं बड़ी मछलियां पानी में तड़प तड़पकर दम तोड़ रही है। मत्स्य विभाग मार्निंग सिकनेस बीमारी के चलते मछलियों की मौत होने की बात कह रहा है।
दरअसल ताप्ती शुद्धिकरण के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी नालों का गंदा पानी ताप्ती नदी में मिल रहा है। मई माह की भीषण गर्मी के चलते पानी में ऑक्सीजन नहीं मिलने से मछलियां ऊपर आकर दम तोड़ रही है। राजघाट के दूसरे किनारे जैनाबाद की तरफ छोटी सहित बड़ी हजारों मछलियां मृत अवस्था में तैरती मिली। जैनाबाद निवासी संदीप चौहान ने बताया छोटी सहित बड़ी मछलियों दो से तीन दिनों से हर दिन बड़ी संख्या में मर रही है।
बीमारी का असर
मत्स्य विभाग के सहायक संचालक एएस भटनागर ने कहा कि गर्मी के समय मछलियों पर मार्निंग सिकनेस का असर होता है।शहर में गर्मी अधिक होने से सुबह 6 से 8 बजे के बीच पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने से सामूहिक रूप से मछलियां सांस लेने के लिए ऊपर आती है, लेकिन बाहर भी ऑक्सीजन नहीं मिलने से मछलियां दम तोड़ती है। पानी में ऑक्सीजन को बनाए रखने के लिए इस समय बांस से पानी को पीटने के साथ ही फव्वारे चलाने से पानी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है।बीमारी का असर दो से तीन दिनों तक देखने को मिलता है।
जहरीला हो गया ताप्ती का पानी
ताप्ती नदी की गंदगी को साफ करने के लिए प्रशासन की तरफ से कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं। परिणाम यह हो रहा है कि गंदे नालों से आ रहा जहरीले रसायनों से भरा पानी नदी को जहरीला बना रहा है। नदी की सफाई के लिए कोई प्रयास नहीं करने का परिणाम जलीय जंतुओं की मौत के रूप में सामने आ रहा है।