दूसरी तरफ, डॉलर ने अमरीका से अपेक्षाकृत बेहतर आर्थिक आंकड़े हासिल किये हैं। अमरीका से जारी किए गए अधिकांश आर्थिक अांकड़े प्रभावशाली रहे हैं जिससे कि डॉलर के घाटे को सीमित रखा जा सके। एक अन्य महत्वपूर्ण कारक यह है कि अमरीका के 10 साल की राष्ट्रीय उत्पाद, जो वर्ष 2011 के मध्य में उच्चतम स्तर तक पहुंच गई थी, अपेक्षित आर्थिक आंकड़े से बेहतर रही है। साथ ही, फेडरल रिजर्व की टिप्पणियां और अमरीका और चीन के बीच व्यापार युद्ध में वृद्धि के कारण देश के व्यापार घाटे को कम करने में सहायक रही हैं। अमरीका राष्ट्रीय उत्पाद और सोने के बीच विपरीत सम्बन्ध रहा है और दुनिया भर में बढ़ती अनिश्चितता यूएस बॉन्ड में निवेश को आकर्षित कर सकती है तथा इस तरह यह भविष्य में सोने की कीमतों में बढ़ोत्तरी भी कर सकती है।
व्यापार युद्ध के मोर्चे पर अमरीका अब चीन के साथ चल रहे तनावों के साथ-साथ रूस और जापान पर भी नजर गड़ा रहा है और उन पर भी टैरिफ लगा सकता है। पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति की समस्या घटी है, लेकिन कच्चे तेल की कीमतों और व्यापार शुल्क में बढ़ोत्तरी के कारण कई देशों पर मुद्रास्फीति के दबाव में वृद्धि करने तथा उनकी मुद्रा पर दबाव डालने का कारक बन सकता है। सामान्यतया क्रूड और गोल्ड साथ-साथ चलते हैं जैसा कि नीचे के चार्ट में दर्शाया गया है, लेकिन दोनों के बीच संपर्क खो सा गया है। हम उम्मीद करते हैं कि सोना की अपनी खो चुकी कीमतें पुनः प्राप्त करने की संभावना है।
सोने की कीमतों में सुधार के बावजूद, ईटीएफ में ब्याज की वसूली कमजोर रही है। हम उम्मीद करते हैं कि वैश्विक संकेतों की कमी सोने की अस्थिरता को निम्न स्तर पर रख सकती है, लेकिन घरेलू बाजारों में रुपये की कीमतों में कमजोरी के कारण इसकी कीमतों में उछाल आ सकता हैं। बाजार के खिलाड़ी अमरीकी मुद्रास्फीति और प्राथमिक उपभोक्ता संवेदनशीलता के आँकड़ों पर नजर रखने के लिए डॉलर पर नजर बनाए रखेंगे जो अंततः सोने की कीमतों को प्रभावित करेगा। सीएफटीसी डेटा द्वारा दिये गए सुझाव के अनुसार सोने की संवेदनशीलता निराशाजनक रही है जो रिकॉर्ड नेट शॉर्ट पोजिशन को भी दर्शाती है। (यह कन्ट्रा-ट्रेड के लिए शानदार अवसर पैदा करता है)।
एमसीएक्स गोल्ड पिछले पाँच वर्षों से सममित त्रिभुज के रूप में सिमटा रहा है। हाल ही में, एक ब्रेकआउट के रूप में यह 31,600 रुपये से ऊपर गया, जो पिछले अपट्रेंड की निरंतरता को इंगित करता है। सममित त्रिभुज का लक्ष्य लगभग 35,500 – 36000 के अंतर्गत आता है। मुख्य समर्थन 29,250 रुपये – 28,100 के स्तर पर देखा गया है।
इलियट वेव विश्लेषण के अनुसार, कीमत में प्राथमिक डिग्री अपट्रेंड की 5 वीं लहर शुरू हुई प्रतीत होती है। वेव 4 एक सममित त्रिभुज था जो 27,600 के स्तर के करीब पूरा हुआ। 5वें लहर के अंतर्गत हमने प्रारंभिक 1-2 वेव की संरचना पूरी की है और वेव 3 प्रगति पर है। हम उम्मीद करते हैं कि यह तीसरी लहर कम-से-कम पिछले उच्चतम स्तर 35,000 अंक के करीब अवश्य पहुँच जाएगी। डॉ सिद्धांत के अनुसार, उच्च ऊँचाई – उच्च निम्नता की संरचना तेजी का संकेत करता है। संक्षेप में, एक सममित त्रिभुज का ब्रेकआउट और एक सहायक इलियट वेव की गणना एक लंबे समय के लिए उछाल का संकेत देती है। हमारी राय में, कॉमोडिटी का दीर्घकालिक लक्ष्य 42,000 रुपये है जो अगले 18-24 महीनों में हासिल किया जा सकता है।