
होम लोन के साथ टैक्स बेनिफिट्स भी मिलते हैं। (PC: Gemini)
घर लेना किसी भी व्यक्ति के जीवन की सबसे बड़ी खरीदारी होती है। लेकिन प्रॉपर्टी के दाम इतने बढ़ गए हैं कि यह खरीदारी काफी मुश्किल हो गई है। अक्सर लोग 2 तरह से घर खरीदने के लिए पैसा जुटाते हैं। पहला- लोग अपने गांव की जमीन बेचकर या कोई पुराना प्लॉट बेचकर या जायदाद में मिले पैसे से घर खरीदते हैं। दूसरा- लोन लेकर घर खरीदते हैं। अब सवाल यह है कि दोनों में से कौन-तरीका बेहतर है। अगर आपके पास पैसे हों तो आपको उस पैसे से घर खरीदना चाहिए या लोन लेना बेहतर रहेगा? आइए जानते हैं।
अगर आप अपने पास मौजूद पैसे से घर खरीदते हैं, तो आप पर कोई ईएमआई का बोझ नहीं होगा। इससे आपको मानसिक शांति भी मिलेगी।
अपने पैसे से घर खरीदने पर आप तत्काल प्रॉपर्टी के मालिक बन जाएंगे। जबकि दूसरी स्थिति में पूरा लोन चुका देने के बाद मालिकाना हक आपके पास आएगा।
आप बिल्डर से मोल-भाव कर सकते हैं। एकमुश्त पैदा देकर घर खरीदने वालों को बिल्डर और डेवलपर आकर्षक डिस्काउंट ऑफर करते हैं।
इससे आपके पास लिक्विडिटी रहेगी। आप अपने पास मौजूद पैसों को अच्छी जगह इन्वेस्ट करके रिटर्न कमा सकते हैं।
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 24(बी) के तहत होम लोन में दिये गए ब्याज पर प्रति वित्त वर्ष 2 लाख रुपये का टैक्स बेनिफिट मिलता है। पुरानी कर व्यवस्था के तहत यह टैक्स बेनिफिट मिलता है।
इसके अलावा, व्यक्ति पुरानी कर व्यवस्था के तहत भुगतान किए गए मूलधन पर 1.50 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट भी प्राप्त कर सकता है।
इस तरह एक वित्त वर्ष में कुल 3.5 लाख रुपये का टैक्स बेनिफिट आपको मिलता है।
यहां उधारकर्ता को महंगाई का भी फायदा मिलेगा, क्योंकि वे 'भविष्य के पैसे' से लोन चुकाएंगे। यानी समय के साथ होम लोन की ईएमआई आपको बहुत कम लगने लगेगी।
होम लोन ग्राहक को शुरुआत में ईएमआई भरना थोड़ा मुश्किल लग सकता है, लेकिन जैसे-जैसे उनकी इनकम बढ़ती है, लोन की ईएमआई चुकाना आसान हो जाता है।
लोन पर चुकाये जाने वाले ब्याज की तुलना में आप पैसों को इन्वेस्ट करके अधिक रिटर्न कमा सकते हैं।
अपने पैसों से घर खरदीने पर आपके पास लिक्विडिटी नहीं रहेगी, क्योंकि घर एक नॉन-लिक्विड एसेट होता है। यानि आपको पैसों की जरूरत पड़ गई तो आप तुरंत घर को बेच नहीं सकते। साथ ही जो रिटर्न आपको इन्वेस्टमेंट से मिलता, वो भी नहीं मिलेगा।
होम लोन में कुल ब्याज काफी अधिक हो जाता है। अधिकांश मामलों में ग्राहक मूलधन से अधिक तो ब्याज चुका देते हैं। उदाहरण के लिए अगर आप 30 लाख रुपये का होम लोन 8 फीसदी ब्याज दर पर 25 साल के लिए लेते हैं, तो लोन अवधि के दौरान कुल 39,46,346 रुपये का तो ब्याज चुका देंगे।
निवेश एवं टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन के अनुसार, ऐसे लोग जो रिस्क लेने से बचना चाहते हैं या रिटायरमेंट के करीब हैं, उन्हें अपने पैसे से ही घर खरीदना चाहिए। वहीं, ऐसे लोग जिनकी आयु 40 साल से कम है और स्टेबल इनकम है, वे अपने पैसे को अच्छी जगह इन्वेस्ट करके होम लोन लेकर घर खरीद सकते हैं।
Published on:
05 Sept 2025 03:33 pm
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