
चीन भारत को कई उत्पादों की सप्लाई करेगा। (PC: Gemini)
एक तरफ अमेरिका भारत को टैरिफ में रियायत देने को तैयार नहीं है, तो दूसरी तरफ चीन ने हमारी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। चीन ने भारत की 3 बड़ी चिंताओं को दूर कर दिया है। चीन ने वादा किया है कि वह भारत को रेयर अर्थ, उर्वरक और टनल बोरिंग मशीनों की सप्लाई करेगा। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। एएनआई के अनुसार, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को आश्वासन दिया है कि चीन भारत की उर्वरकों, रेयर अर्थ और टनल बोरिंग मशीनों की तीन प्रमुख चिंताओं को दूर कर रहा है। चीनी विदेश मंत्री सोमवार को दो दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे हैं।
इससे पहले सोमवार को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अपने ओपनिंग रिमार्क्स में कहा था कि बातचीत में आर्थिक और व्यापार के मुद्दे, तीर्थयात्रा, पीपल-टू-पीपल कनेक्ट, नदी के डेटा साझा करना, सीमा व्यापार, कनेक्टिविटी और द्विपक्षीय आदान-प्रदान शामिल होंगे। विदेश मंत्री ने उन चिंताओं का फॉलो-अप किया था, जिन्हें उन्होंने जुलाई में अपनी चीन यात्रा के दौरान उठाया था।
चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ अपने ओपनिंग रिमार्क्स के दौरान, जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया था कि पड़ोसी देशों और दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, भारत-चीन संबंधों के विभिन्न पहलू और आयाम हैं। उन्होंने कहा, "इस संदर्भ में यह भी आवश्यक है कि प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों और बाधाओं से बचा जाए।" जयशंकर ने आगे कहा था, "भारत और चीन के बीच स्थिर और रचनात्मक संबंध न केवल हमारे लाभ के लिए हैं, बल्कि दुनिया के लिए भी हैं। यह आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता के आधार पर संबंधों को संभाल कर सबसे अच्छी तरह से किया जाता है।"
सोमवार को नई दिल्ली में चीनी विदेश मंत्री के साथ अपने रिमार्क्स के दौरान, जयशंकर ने कहा था कि मतभेदों को विवादों में नहीं बदलना चाहिए, न ही प्रतिस्पर्धा को संघर्ष में बदलना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि चीनी नेता की भारत यात्रा दोनों देशों को द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करती है और यह वैश्विक स्थिति और आपसी हित के कुछ मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का भी उचित समय है।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सेना की कार्रवाई के बाद भारत और चीन के बीच तनाव बिगड़ गया था, जिससे अप्रैल-मई 2020 से गतिरोध शुरू हो गया। हालांकि, कुछ पॉइंट्स पर सैनिकों को अलग करने के समझौतों के माध्यम से कुछ प्रगति हुई थी, लेकिन स्थिति संवेदनशील बनी रही।
2024 के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले, भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में LAC के साथ गश्त प्रोटोकॉल पर एक नए समझौते पर पहुंचे थे, जो तनाव कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हाल के महीनों में, दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए हैं, जिसमें भारत ने लगातार LAC पर तनाव को और कम करने के महत्व पर जोर दिया है।
चीनी विदेश मंत्री वांग यी की यह भारत यात्रा पीएम मोदी की चीन यात्रा से पहले हुई है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 31 अगस्त से सितंबर की शुरुआत तक चीन की यात्रा कर सकते हैं।
Updated on:
19 Aug 2025 02:41 pm
Published on:
19 Aug 2025 10:43 am
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