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NSE Phone Tapping Scam: NSE की पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण को ED ने किया गिरफ्तार, कर्मचारियों की जासूसी के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज

ED ने NSE की पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार किया है। ED ने चित्रा रामकृष्ण को स्टॉक एक्सचेंज के कर्मचारियों के अवैध फोन टैपिंग और जासूसी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के लिए दिल्ली की एक अदालत से मंजूरी मिलने के बाद गिरफ्तार किया।

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ED arrests ex-NSE chief Chitra Ramakrishna in PMLA case linked to 'illegal phone tapping'

ED arrests ex-NSE chief Chitra Ramakrishna in PMLA case linked to 'illegal phone tapping'

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व सीईओ (CEO) और पूर्व एमडी (MD) चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार कर लिया। उनकी ये गिरफ्तारी स्टॉक एक्सचेंज के कर्मचारियों के अवैध फोन टैपिंग और जासूसी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई है। गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने उन्हें चार दिन की ईडी की रिमांड पर भेज दिया है। ED ने चित्रा रामकृष्ण को मामले की जांच के लिए दिल्ली की एक अदालत से मंजूरी मिलने के बाद गिरफ्तार किया।

स्पेशल जज सुनैना शर्मा ने ED को रामकृष्ण से चार दिन की हिरासत में पूछताछ की अनुमति दी है। इससे पहले पूर्व NSE की MD को जज द्वारा पारित आदेश पर जेल से अदालत में पेश किया गया था। जज ने ED की याचिका पर आरोपी के खिलाफ पेशी वारंट जारी किया था। आरोपी को पेश किए जाने के बाद ED ने उनसे पूछताछ के लिए अदालत से अनुमति ली थी। बाद में, ED ने रामकृष्ण को मामले की पूछताछ में सहयोग न करने के आधार पर गिरफ्तार किया और उन्हें फिर से अदालत में पेश किया और नौ दिन की हिरासत में पूछताछ करने की मांग की।

हालांकि, कोर्ट ने एजेंसी को चार दिन की हिरासत में चित्रा रामकृष्णा से पूछताछ की अनुमति दी है। आपको बता दें कि यह केस एनएसई के अफसरों की ओर से गलत तरीके से फोन टैपिंग कराने और स्टॉक एक्सचेंज के कर्मचारियों की जासूसी से जुड़ा है। ED ने प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 की आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। वहीं बताया जा रहा है की CBI ने भी आरोपियों के खिलाफ पिछले हफ्ते इससे जुड़े एक मामले में केस दर्ज किया था।

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CBI ने अपने एक बयान में कहा था, "NSE के टॉप अधिकारियों ने उक्त निजी कंपनी के पक्ष में समझौता और कार्य आदेश जारी किया और भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन में, मशीनें लगाकर अपने कर्मचारियों के फोन कॉल को अवैध रूप से इंटरसेप्ट किया और इस मामले में एनएसई के कर्मचारियों की भी सहमति नहीं ली गई।"

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