
National Cyber Security Coordinator Rajesh Pant
नई दिल्ली। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक राजेश पंत (National Cyber Security Coordinator Rajesh Pant) ने बुधवार को 2021 को फिरौती (Ransom) का वर्ष कहा क्योंकि दुनिया भर में इस तरह के हमलों में भारी उछाल देखने को मिला है।
इस दौरान कंपनियों ने चालू वर्ष की पहली छमाही में लगभग 1 ट्रिलियन अमरीकी डालर की फिरौती का भुगतान करा है। पंत ने वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों को साइबर हमलों से खुद को बचाने के लिए इस प्रक्रिया में लचीलापन लाने के लिए अपने प्रयासों को तेज करने के लिए आगाह किया।
6 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर का नुकसान
राजेश पंत ने कहा कि 2021 की शुरुआत इसे फिरौती का एक वर्ष कहेंगे। 'हम इस वर्ष के केवल आधे रास्ते में हैं और पहले से ही 1 ट्रिलियन अमरीकी डालर का भुगतान किया जा चुका है। वित्तीय क्षेत्र को यह सुनिश्चित करने के लिए साइबर लचीलापन के लिए आवश्यक प्रयास किए गए हैं।' पंत ने IAMAI (Internet and Mobile Association of India) के वर्चुअल इवेंट में कहा कि साइबर अपराधों से वैश्विक अर्थव्यवस्था को 6 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर का नुकसान हुआ है।
वित्तीय क्षेत्र में, डेटा अहम है। आपके पास संवेदनशील और व्यक्तिगत डेटा है। आप सभी व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक से अवगत हैं। उन्हें उम्मीद है कि बीते कुछ माह से जेपीसी द्वारा इस पर चर्चा करने के बाद इसे पेश किया जाएगा। पंत के अनुसार बिल यूरोपीय डेटा संरक्षण कानून की तर्ज पर है।
व्यक्तिगत आंकड़ा संरक्षण विधेयक 2018
यह विधेयक व्यक्तिगत आंकड़े को किसी अन्य देश में हस्तांतरित करने पर प्रतिबंध लगाता है। साथ ही व्यक्तिगत जानकारी के दुरुपयोग को रोकने के लिए भारतीय डाटा संरक्षण प्राधिकरण की स्थापना का सुझाव देता है।
विधेयक का यह मसौदा सरकार द्वारा गठित न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों पर आधारित है। पंत ने कहा कि राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति को जल्दी ही मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने की जताई जा रही है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति को अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट को भेज दिया गया है। जब भी यह सामने आएगा कि इसमें बदलती परिस्थिति के हिसाब से सभी पहलुओं को शामिल करा जाएगा। यह भविष्य में एक सार्थक रणनीति है।
Published on:
14 Jul 2021 07:28 pm
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