
उपभोक्ता फोरम में शिकायत से पहले सबूत जरूर जुटा लेने चाहिए। (PC: Gemini)
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (2019) हर भारतीय खरीदार को अनुचित व्यापार प्रथाओं, भ्रामक विज्ञापनों और धोखाधड़ी के खिलाफ मजबूत अधिकार देता है। शिकायत दर्ज करने से पहले उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों को समझना चाहिए, जैसे कि सुरक्षा, सूचना और निवारण का अधिकार। आज के ई-कॉमर्स परिवेश में किसी भी फ्रॉड से बचने के लिए इन अधिकारों को जानना जरूरी है।
अगर कोई विक्रेता खराब सामान देता है या खराब सर्विस प्रदान करता है, तो उपभोक्ता शिकायत दर्ज कर सकते हैं। घोटालों, बिलिंग एरर्स और वारंटी से जुड़े मुद्दों के बारे में जागरुक रहकर खरीदार अपने हितों की रक्षा कर सकते हैं। इस तरह बाजार में धोखाधड़ी को रोकने के लिए तुरंत शिकायत की जा सकती है।
किसी भी कंज्यूमर कंप्लेंट के सफल होने के लिए मजबूत दस्तावेज होना बहुत जरूरी है। इसलिए लेनदेन की रसीदें, ईमेल, प्रोडक्ट की तस्वीरें और वारंटी संभाल कर रखें। इन विवरणों को व्यवस्थित करके आप अपने केस को मजबूत करते हैं। कार्रवाई के समय इसे दिखाया जा सकता है।
ग्राहक राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन या राज्य/जिला उपभोक्ता फोरम जैसे आधिकारिक प्लेटफॉर्म के जरिए शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसमें आपको एक ऑनलाइन शिकायत फॉर्म भरना होगा। सहायक दस्तावेज अटैच करने होंगे और शिकायत का विवरण देना होगा।
एक बार शिकायत सबमिट हो जाने के बाद संबंधित फोरम द्वारा उसकी समीक्षा की जाती है। ग्राहक इसकी ऑनलाइन ट्रैकिंग कर सकते हैं। उपभोक्ताओं को ईमेल या एसएमएस के जरिए अपडेट मिलते हैं, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होती है। साथ ही उपभोक्ताओं को सुनवाई, समाधान की समय-सीमा और संभावित मध्यस्थता कदमों के बारे में सूचित किया जाता रहता है।
जल्दी समाधान के लिए उपभोक्ताओं को स्पष्ट विवरण देना चाहिए। फोरम के सवालों का तुरंत जवाब देना चाहिए और सारे कम्युनिकेशन में विनम्र लेकिन दृढ़ लहजा बनाए रखना चाहिए। इन चीजों को फॉलो करके खरीदार अपनी शिकायतों की प्रभावशीलता को बढ़ा सकते हैं।
Updated on:
08 Sept 2025 09:17 am
Published on:
07 Sept 2025 09:05 am
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