
वॉशिंग मशीन का सही यूज करके काफी पैसा बचा सकते हैं। (PC: ChatGPT)
वॉशिंग मशीन आपके कपड़े तो चकाचक करती है, पर इसका इस्तेमाल खर्चीला भी होता है। बिजली के अलावा पानी का खर्च भी होता है और कपड़ों की लाइफ पर भी असर पड़ता है। लेकिन, कुछ मामूली बातों का ख्याल रखा जाए तो साल में एक बड़ी रकम की बचत की जा सकती है। यह रकम 15000 रुपये तक भी जा सकती है। कैसे? हम बता रहे हैं दस आसान टिप्स। साथ में समझा रहे हैं बचत का गणित।
गर्म पानी में कपड़े धोने पर वॉशिंग मशीन सबसे ज्यादा बिजली खाती है। ठंडे पानी का इस्तेमाल करने से प्रति वॉश लगभग 3–4 रुपये की बचत होती है। अगर आप हफ्ते में 4–5 बार कपड़े धोते हैं, तो साल भर में 600 से 1,200 रुपये की बचत होगी। साथ ही आपके कपड़े भी ज्यादा समय तक चलेंगे।
वॉशिंग मशीन में हाफ लोड भी उतनी ही बिजली और पानी खाता है। सिर्फ फुल लोड चलाने से खर्च 30% तक कम हो सकता है। यानी साल में 400 से 600 रुपये की बचत हो जाएगी।
ज्यादा डिटर्जेंट डालने से मशीन को ज्यादा काम करना पड़ता है और वह जल्दी खराब होती है। डिटर्जेंट नापकर डालने से सालाना 300 से 500 रुपये की बचत हो सकती है।
साफ-सफाई से मशीन की परफॉर्मेंस बनी रहती है और महंगे रिपेयर से बचा जा सकता है। सिर्फ एक बड़ी खराबी से बचने पर ही आप 2,000 से 3,000 रुपये की मरम्मत लागत बचा सकते हैं।
अगर आपके यहां टाइम-ऑफ-डे टैरिफ लागू है, तो कम टैरिफ वाले घंटों में वॉशिंग मशीन चलाने से बिजली खर्च 10 से 20% तक कम हो सकता है। इससे सालाना बचत करीब 300 से 500 रुपये की होगी।
ईको साइकिल ज्यादा समय लेती है लेकिन पानी और बिजली दोनों की खपत कम करती है। नियमित उपयोग से सालाना 500 से 800 रुपये की बचत हो सकती है।
ज्यादा कपड़े डालने से मशीन पर दबाव बढ़ता है। इससे समय से पहले सर्विस की जरूरत पड़ सकती है या मशीन की उम्र कम हो सकती है। इसे टालकर आप लंबे समय तक बचत कर सकते हैं। इससे आप साल में 500 से 1,000 रुपये बचा लेंगे।
हाई स्पिन स्पीड से कपड़े जल्दी सूखते हैं। अगर आप ड्रायर का इस्तेमाल करते हैं, तो सिर्फ इससे ही सालाना 1,000 से 1,500 रुपये की बचत हो सकती है।
5-स्टार रेटिंग वाली मशीन भले महंगी हो, लेकिन यह पुरानी मशीन के मुकाबले हर साल 1,000 से 2,000 रुपये बचा सकती है।
एक बार ड्रायर चलाने पर करीब 16 से 24 रुपये का खर्च होता है। अगर आप 1 साल (लगभग 150 लोड्स) ड्रायर न चलाएं तो सालाना 2,500 से 3,500 रुपये की बचत होगी। धूप मुफ्त है और कपड़ों के लिए भी बेहतर है।
| टिप्स | बिजली की दर 8 रु./यूनिट मानते हुए सालाना अनुमानित बचत (₹) |
|---|---|
| ठंडे पानी से धोना | 600 – 1,200 |
| सिर्फ फुल लोड चलाना | 400 – 600 |
| डिटर्जेंट सही मात्रा में | 300 – 500 |
| नियमित सफाई/मेंटेनेंस | 2,000 – 3,000 (मरम्मत से बचाव) |
| ऑफ-पीक घंटों में धोना (अगर आपके इलाके में बिजली की दर पीक और नॉन पीक आवर में अलग-अलग हो तो) | 300 – 500 |
| ईको/शॉर्ट साइकिल | 500 – 800 |
| ओवरलोडिंग से बचना | 500 – 1,000 (मरम्मत से बचाव) |
| सही स्पिन स्पीड | 1,000 – 1,500 |
| 5-स्टार रेटिंग वाली मशीन | 1,000 – 2,000 |
| ड्रायर छोड़कर धूप का इस्तेमाल | 2,500 – 3,500 |
| कुल संभावित बचत | ₹9,100 – ₹14,600 प्रति वर्ष |
इस तरह छोटी-छोटी बचत करके आप साल में करीब 15,000 रुपये तक बचा सकते हैं। यह पैसा आप और आपके परिवार के काफी काम आ सकता है।
Updated on:
12 Sept 2025 03:47 pm
Published on:
11 Sept 2025 09:23 pm
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