
संपत्ति कर (Photo Patrika)
Income Tax ने उन टैक्स पेयर्स को राहत दी है जिनका रिफंड रिटर्न देर से भरने के कारण लटक गया था। आयकर रिटर्न (Income Tax Return) में देरी से जुड़ी शिकायतों पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बड़ा फैसला किया है। ऐसे वैध इनकम टैक्स रिटर्न (ITR), जो निर्धारित समय सीमा के बाद उचित कारणों से स्वीकार किए गए थे, लेकिन तकनीकी कारणों से प्रोसेस नहीं हो सके, उन्हें अब 31 मार्च 2026 तक प्रोसेस करने की इजाजत दे दी गई है। CBDT ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 119 के तहत यह छूट दी है। कई करदाताओं ने शिकायत की थी कि इनकम टैक्स की धारा 119(2)(b) के तहत देरी को माफ किए जाने के बावजूद उनके IT Return समय पर प्रोसेस नहीं हुए, जिससे रिफंड देर से आया।
इनकम टैक्स की धारा 143(1) के अंतर्गत रिटर्न प्रोसेसिंग की समय सीमा समाप्त हो चुकी थी, लेकिन अब बोर्ड ने 31 मार्च 2024 तक फाइल किए गए ऐसे रिटर्न को 31 मार्च 2026 तक प्रोसेस करने की मंजूरी दी है। इस फैसले से लाखों टैक्सपेयर्स को राहत मिलने की उम्मीद है।
1- जिन टैक्सपेयर्स ने 31 मार्च 2024 तक रिटर्न इलेक्ट्रॉनिक रूप से फाइल किया है।
2- जिनके मामले में देरी को CBDT या सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकार किया गया है।
3- जिनके केस में कोई असेसमेंट या री-असेसमेंट पहले से नहीं हुआ है।
1- जिनके केस में सेक्शन 143(3), 144, 147, 153A आदि के तहत असेसमेंट या रीअसेसमेंट हो चुका है।
2- जिनका PAN और Aadhaar लिंक नहीं है, ऐसे मामलों में टैक्स रिफंड रोका जा सकता है।
बेंगलुरु स्थित Income Tax का सिस्टम विंग अब इन मामलों को प्रोसेस करने की तकनीकी प्रक्रिया निर्धारित करेगा ताकि रिटर्न की प्रोसेसिंग 31 मार्च 2026 से पहले पूरी हो सके। यह फैसला उन लाखों टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी राहत है, जो तकनीकी देरी की वजह से अपने रिफंड से वंचित रह गए थे। हालांकि PAN-Aadhaar लिंक न होने पर रिफंड नहीं मिलेगा, इसलिए करदाता समय रहते यह प्रक्रिया पूरी कर लें।
Published on:
01 Jul 2025 09:23 pm
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