
रूस पर नए प्रतिबंधों से भारत को भी आर्थिक झटका लग सकता है।
यूरोपीय संघ (EU) ने रूस पर नए प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे भारत को बड़ा आर्थिक झटका लग सकता है। आर्थिक थिंक टैंक जीटीआरआइ का कहना है कि इससे भारत का ईयू को 15 अरब डॉलर (लगभग 1,29,281 करोड़) का पेट्रोलियम सामान बेचना खतरे में है। ईयू अब तीसरे देशों से आने वाले उन पेट्रोलियम उत्पादों को नहीं खरीदेगा, जो रूसी कच्चे तेल से बने हैं। ईयू के 27 देशों ने यह फैसला रूस की तेल और ऊर्जा से होने वाली कमाई को कम करने के लिए लिया है। ईयू ने पहली बार भारत के वडीनगर (गुजरात) स्थित रूसी कंपनी रोसनेफ्ट की सबसे बड़ी रिफाइनरी (नायरा एनर्जी) को प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही रूसी तेल पर प्राइस कैप को 60 डॉलर प्रति बैरल से 15% घटाकर 47.6 डॉलर कर दिया है।
जीटीआरआइ के मुताबिक, इस कदम से भारत के अलावा तुर्की और यूएई जैसे देशों को भी नुकसान होगा। ये देश रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदते थे, उसे रिफाइन करते थे और फिर डीजल, पेट्रोल और जेट ईंधन (एटीएफ) बनाकर यूरोप को बेचते थे। जीटीआरआइ के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ईयू के नए नियम भारत जैसे देशों के लिए मुश्किल खड़ी करेंगे, जो रूसी तेल को रिफाइन कर यूरोप भेज रहे थे। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने ईयू को 19.2 अरब डॉलर के पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात किया था। लेकिन, 2024-25 में यह 27.1% घटकर 15 अरब डॉलर रह गया। ईयू के प्रतिबंधों से भारत की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
नायरा एनर्जी पर लगाए गए यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों पर भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारत सरकार ने ईयू को स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी एकतरफा प्रतिबंध को नहीं मानता है, जो संयुक्त राष्ट्र के दायरे से बाहर हों। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में दोहरे मापदंड नहीं होने चाहिए। भारत को अब ईयू को पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात करने के लिए अन्य स्रोतों से कच्चा तेल खरीदना होगा। इससे भारत की ऊर्जा लागत बढ़ सकती है। भारत सरकार ईयू के प्रतिबंधों के प्रभाव को कम करने के लिए कदम उठा रही है। इसके लिए वह अन्य देशों के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत करने पर फोकस कर रही है।
Published on:
21 Jul 2025 09:44 am
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