
भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल। (फोटो:ANI)
India-Oman Free Trade Agreement: भारत और ओमान के बीच व्यापारिक रिश्ते अब एक नए मुकाम पर पहुंचने वाले हैं। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को बताया कि दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement - FTA) पर बात अंतिम दौर में है और एक हफ्ते में इस पर हस्ताक्षर संभव हैं। यह समझौता एक व्यापक आर्थिक भागीदारी (Comprehensive Economic Partnership Agreement - CEPA) का हिस्सा होगा, जिसका मकसद व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग को मजबूत करना है। मंत्री गोयल ने कहा कि भारत ऐसे सभी देशों के साथ अपने रिश्ते मज़बूत कर रहा है, जिनसे व्यापार के नए रास्ते खुल सकते हैं। ध्यान रहे कि भारतीय समुदाय के लोग करीब 150-200 साल से भी अधिक समय से ओमान में रह रहे हैं। अब ओमान में करीब 7 लाख भारतीय रहते हैं।
पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में आयोजित FICCI LEADS 2025 कार्यक्रम में यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि ओमान के साथ FTA पर तेज़ी से बातचीत हुई है और अब इसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने भरोसा जताया कि यह समझौता भारत और ओमान दोनों देशों के लिए विन-विन डील होगी।
मंत्री ने जानकारी दी कि सिर्फ ओमान ही नहीं, बल्कि भारत कई और देशों से भी व्यापार समझौते पर चर्चा कर रहा है। इनमें यूरोपीय संघ, अमेरिका, पेरू, चिली, न्यूजीलैंड और श्रीलंका शामिल हैं। यूरोपीय संघ (EU) के साथ बातचीत के लिए इस सप्ताह विशेष बैठक भी तय है।
भारत ने पिछले कुछ वर्षों में कई अहम व्यापार समझौते किए हैं, जैसे:
भारत-यूएई CEPA (2022)
भारत-ऑस्ट्रेलिया ECTA
भारत-मॉरीशस CECPA (2021)
भारत-ईएफटीए TEPA (2024)
भारत-यूके CETA (2025 - लागू होना बाकी)
इन समझौतों ने भारत के लिए वैश्विक बाजार के दरवाज़े खोले हैं और निर्यात में बढ़ोतरी देखी गई है।
ओमान, भारत के लिए खाड़ी देशों में अहम व्यापारिक भागीदार है। यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है। भारतीय उत्पादों को ओमान में और बेहतर बाजार मिलेगा, जिससे छोटे और मंझले कारोबारियों को भी फायदा होगा।
भारत के निर्यात में तेजी आएगी।
दोनों देशों में निवेश के अवसर बढ़ेंगे।
रोजगार के नए विकल्प खुल सकते हैं।
भारतीय कंपनियों को मिडिल ईस्ट में पहुंच मिलेगी।
मिडिल ईस्ट में भारत की आर्थिक पकड़ मजबूत होगी।
बहरहाल भारत और ओमान के बीच प्रस्तावित FTA न सिर्फ व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करेगा, बल्कि यह मिडिल ईस्ट में भारत की आर्थिक पकड़ को और मज़बूत कर सकता है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या अगले सात दिन में यह ऐतिहासिक समझौता हो जाएगा?
(इनपुट क्रेडिट: एएनआई)
Updated on:
11 Sept 2025 02:47 pm
Published on:
10 Sept 2025 10:07 pm
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