
India's GDP growth slows to 4.1% in Q4, govt pegs FY22 growth at 8.7%
वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही (जनवरी से मार्च तक) के GDP आँकड़े सरकार ने जारी कर दिए हैं। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों को देखें तो आखिरी तिमाही में GDP दर धीमा हुआ है और ये 4.1 फीसदी के दर से बढ़ा है। इससे पहले वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में GDP 1.6 फीसदी रहा था। वहीं, 2021-22 में भारत की आर्थिक विकास दर 8.7 फीसदी रही है जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी नेगेटिव (-)7.3 रही थी। अन्य सेक्टर में भी हुई वृद्धि और कमी को आंकड़ों में बताया गया है।
हालांकि, बढ़ती महंगाई और बढ़ते ब्याज दरों से FY23 में आर्थिक विकास की गति पर असर पड़ने की उम्मीद जताई गई है। आंकड़ों में ये भी सामने आया है कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था में 5.4% की वृद्धि दर्ज हुई थी।
क्या रहा अन्य सेक्टर का हाल
आंकड़ों के अनुसार, मार्च तिमाही के दौरान कृषि क्षेत्र में 4.1% की वृद्धि हुई है, जबकि विनिर्माण में 0.2% की गिरावट दर्ज की गई है। पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, डिफेन्स और अन्य सेवाओं को देखें तो ये मार्च तिमाही के दौरान 7.7% बढ़ी है। ये वो क्षेत्र हैं जो सरकारी व्यय का प्रतिनिधित्व करती है। इस वृद्धि से भारत के समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला है। अन्य क्षेत्रों में, खनन और उत्खनन और निर्माण में क्रमशः 6.7% और 2% की वृद्धि दर्ज की गई है।
क्या कारण है GDP में आई सुस्ती के पीछे?
इसके पीछे का कारण ओमिक्रॉन और रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग को बताया गया है। मई में S&P Global Ratings ने बढ़ते मुद्रास्फीति दबाव और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण FY 23 के लिए भारत के विकास के अनुमान को 7.8% से घटाकर 7.3% कर दिया है।
वहीं, मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने पिछले महीने भी वित्त वर्ष 23 के लिए भारत के विकास के अनुमान को 7.9% से घटाकर 7.6% कर दिया था।
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Updated on:
31 May 2022 06:26 pm
Published on:
31 May 2022 06:21 pm
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