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क्या भारत बनेगा सेमीकंडक्टर सुपरपॉवर ? 1.03 लाख करोड़ की इंडस्ट्री लिख रही है सफलता की नई कहानी!

India Semiconductor Market 2030: भारत का सेमीकंडक्टर बाजार सन 2030 तक ₹1.03 लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।

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भारत

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MI Zahir

Sep 11, 2025

India Semiconductor Market 2030

भारत का सेमीकंडक्टर बाजार। (फोटो: आईएएनएस.)

India Semiconductor Market 2030: भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2025 (India semiconductor market 2025) में लगभग 54,300 करोड़ रुपए का है, जो अगले पांच बरसों (Semiconductor growth India 2030) में बढ़ कर 1,03,500 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। स्मार्टफोन, EV, 5G और AI जैसे क्षेत्रों में बढ़ती मांग से यह उद्योग रिकॉर्ड ग्रोथ की ओर बढ़ रहा है। यह तेजी से बढ़ रहा उद्योग लगभग 13.8 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर (CAGR) के साथ विकास कर रहा है, जो वैश्विक मानकों से कहीं बेहतर है। भारत का सेमीकंडक्टर उद्योग अभी भी स्मार्टफोन, लैपटॉप और औद्योगिक उपकरणों (Chip industry India) पर ज्यादा निर्भर है, जो पूरे बाजार का करीब 70 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं। इन उत्पादों के लिए चिप्स की मांग बढ़ने से उद्योग को मजबूती मिल रही है।

इलेक्ट्रिक वाहन और 5G टेक्नोलॉजी बढ़ाएंगे मांग

इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता और 5जी नेटवर्क का तेजी से विस्तार सेमीकंडक्टर की मांग को और भी बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा, देश में नए डेटा सेंटरों का निर्माण भी तेज़ी से हो रहा है, जिससे एडवांस्ड चिप्स का बाजार बहुत बड़ा होगा। 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है और नए वाहनों में एक तिहाई हिस्सा इलेक्ट्रिक होगा।

भारत सरकार का सेमीकंडक्टर मिशन और रोजगार

भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र को मजबूत करने के लिए ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ शुरू किया है। इसमें करीब 1.6 लाख करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट शामिल हैं, जो लगभग 29,000 नए रोजगार देंगे। यह योजना भारत को एक बड़ा तकनीकी हब बनाने में मदद करेगी।

विशेषज्ञों का कहना है – यह दशक निर्णायक होगा

क्वेस कॉर्प के आईटी स्टाफिंग के सीईओ कपिल जोशी का कहना है कि भारत का सेमीकंडक्टर उद्योग अब निर्णायक दौर में प्रवेश कर रहा है। सरकार की आईएसएम 2.0 योजना के तहत 82,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश होने की उम्मीद है, जो उद्योग के लिए नए अवसर लेकर आएगा। हालांकि, खासकर प्रतिभा के मामले में चुनौतियां भी हैं।

भारत ग्लोबल सप्लाई चेन में कर रहा अहम भूमिका

आज भारत के सेमीकंडक्टर वैश्विक क्षमता केंद्र अब केवल बैक-एंड सपोर्ट तक सीमित नहीं हैं। नए चिप प्रोजेक्ट में एआई तकनीक का इस्तेमाल बढ़ रहा है, जिससे भारत ‘एआई-फर्स्ट’ डिजाइन वर्कफ्लो का टेस्टिंग ग्राउंड बन रहा है।

भारत में सेमीकंडक्टर पेशेवरों की संख्या बढ़ेगी

भारत में इस समय 2,50,000 से अधिक सेमीकंडक्टर पेशेवर काम कर रहे हैं। अगले साल 43,000 नए विशेषज्ञों की भर्ती होगी। 2030 तक यह संख्या लगभग 4,00,000 हो जाएगी, जिससे भारत अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर हब बनेगा।

समग्र वैल्यू चेन में भारत का विकास

बहरहाल सेमीकंडक्टर डिजाइन, एम्बेडेड सिस्टम, ईडीए टूल डेवलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में भारत की क्षमताएं तेजी से बढ़ रही हैं। इसका मतलब है कि भारत पूरी सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में मजबूत और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में है।

(इनपुट क्रेडि​ट: आईएएनएस)