
नई दिल्ली। भारत में एलोन मस्क (ELon Musk) की महत्वकांक्षाओं को बड़ा झटका लगा है। भारी उद्योग मंत्रालय ने अमरीका की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला (Tesla) से कहा है कि वह पहले भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) का निर्माण शुरू करे। बाद में किसी तरह की रियायत पर विचार होगा।
सरकार का कहना है कि किसी ऑटो फर्म को ऐसी रियायतें नहीं दे रही है और टेस्ला को ड्यूटी बेनेफिट देने से भारत में अरबों डॉलर का निवेश करने वाली अन्य कंपनियों को अच्छा संकेत नहीं जाएगा।
आयात शुल्क में कमी की मांग
टेस्ला ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर आयात शुल्क में कमी की मांग की है। जुलाई में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने ट्वीट किया था कि वह 'इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अस्थायी टैरिफ राहत' की उम्मीद कर रहे हैं। मस्क ने कहा था कि टेस्ला जल्द ही भारत में अपनी कारों को लॉन्च करना चाहती है। लेकिन भारतीय 'आयात शुल्क किसी भी अन्य बड़े देश के मुकाबले सबसे अधिक है।'
नीति आयोग ने समर्थन किया
वर्तमान समय में पूरी तरह से निर्मित इकाइयों (सीबीयू) के रूप में आयात की जाने वाली कारों पर इंजन आकार और लागत, बीमा और माल ढुलाई (सीआईएफ) मूल्य 40 हजार अमरीकी डालर से कम या अधिक के आधार पर 60 से 100 प्रतिशत तक सीमा शुल्क लगता है। नीति आयोग (NITI Aayog) जैसी कई एजेंसियों और ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने भी ड्यूटी में कटौती को लेकर समर्थन करा है। मगर भारी वाहन मंत्रालय के सहयोग के बिना यह संभव नहीं है।
100 फीसदी ड्यूटी लगाई है
दरसअल घरेलू कंपनियों को बढ़ावा देने को लेकर सरकार ने आयात किए जाने वाले वाहनों पर 100 फीसदी ड्यूटी लगाई है। इस कारण कार बनाने वाली कई कंपनियों ने भारत में उत्पादन शुरू किया है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि देश में ई-वाहनों पर जोर दिए जाने को देखते हुए टेस्ला के पास भारत में अपनी विनिर्माण सुविधा स्थापित करने का सुनहरा अवसर है।
Published on:
11 Sept 2021 05:10 pm
बड़ी खबरें
View Allकारोबार
ट्रेंडिंग
