
नई दिल्ली। नए साल यानी एक जनवरी से कंपनियों के लिए एक अहम नियम में बदलाव होने जा रहा है। संक्षिप्त रिटर्न और मासिक माल एवं सेवा कर (GST) के भुगतान में देरी करने वाली कंपनियों को आगे के माह के लिए जीएसटीआर-1 बिक्री रिटर्न फॉर्म दाखिल करने की इजाजत दी है।
लखनऊ में शुक्रवार को जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। इन फैसलों में कंपनियों द्वारा रिफंड का दावा करने के लिए आधार सत्यापन को जरूरी करा जाना शामिल है। इन कदमों का सबसे बड़ा फायदा होगा कि इससे माल और सेवा कर (जीएसटी) की चोरी के कारण राजस्व रिसाव को रोकने में सहायता मिल सकेगी।
वर्तमान में क्या है कानून
इस समय कानून बाहरी आपूर्ति या GSTR-1 के लिए रिटर्न दाखिल करने पर रोक लगाता है, यदि कोई व्यवसाय बीते दो महीनों के GSTR-3B को दाखिल करने में विफल र हता है।
जबकि व्यवसाय अगले माह के 11 वें दिन तक किसी विशेष माह का GSTR-1 दाखिल करते हैं, GSTR-3B, इसके माध्यम से व्यवसाय करों का भुगतान करते हैं। अगले माह के 20-24 वें दिन के बीच क्रमबद्ध तरीके से दाखिल किया जाता है।
परिषद ने जीएसटी पंजीकरण के आधार प्रमाणीकरण को भी अनिवार्य करा है ताकि वह रिफंड का दावा दायर करने के लिए पात्र हो और पंजीकरण रद्द करने के लिए आवेदन कर सके।
आधार संख्या प्रदान नहीं करते
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने 21 अगस्त, 2020 से GST पंजीकरण के लिए आधार प्रमाणीकरण को अधिसूचित किया था। अधिसूचना में प्रावधान किया गया है कि यदि व्यवसाय आधार संख्या प्रदान नहीं करते हैं, तो व्यवसाय के स्थान के भौतिक सत्यापन के बाद ही जीएसटी पंजीकरण दिया जाएगा।
Published on:
19 Sept 2021 06:49 pm
बड़ी खबरें
View Allकारोबार
ट्रेंडिंग
