30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Health Insurance: सुपर टॉप-अप से मिलेगा कम पैसे में ज्यादा कवरेज, जानिए कैसे करता है काम

Health Insurance Tips: हेल्थ इंश्योरेंस में आप कम पैसे में ज्यादा कवरेज चाहते हैं, तो अपने बेस प्लान पर सुपर टॉप अप प्लान ले सकते हैं। इससे आपका प्रीमियम भी ज्यादा नहीं बढ़ेगा और कवरेज भी बढ़ जाएगा।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Pawan Jayaswal

Aug 18, 2025

Health Insurance Tips

सुपर टॉप अप प्लान के कई फायदे हैं। (PC: Gemini)

हेल्थ इंश्योरेंस के बगैर प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराने पर पूरी सेविंग्स खर्च हो जाने का डर रहता है। हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भी कोविड के बाद काफी बढ़ा है। खासकर सीनियर सिटीजन की हेल्थ पॉलिसी काफी महंगी हो गई है। हालांकि, कुछ तरीके हैं, जिनसे हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम को नियंत्रण में रखा जा सकता है। ऐसा ही एक तरीका है सुपर टॉप-अप प्लान। यह बेस पॉलिसीज से काफी कम कीमत में मिल जाता है। इस कंबिनेशन से ज्यादा प्रीमियम चुकाए बिना इंश्योरेंस कवरेज बढ़ जाता है। डिडक्टिबल होने से सुपर टॉप-अप का प्रीमियम रेगुलर हेल्थ प्लान के मुकाबले काफी कम होता है। इसका इस्तेमाल तब होता है जब आपका बेस बीमा कवर पूरी तरह खर्च हो जाता है।

उदाहरण से समझें

मान लीजिए आपके पास 5 लाख रुपए की बेस पॉलिसी है और 5 लाख रुपए का सुपर टॉप-अप है। ऐसे में अगर 7 लाख रुपए का क्लेम बनता है, तो बेस पॉलिसी के 5 लाख रुपए का इस्तेमाल पहले होगा। बाकी 2 लाख रुपए का पेमेंट टॉप-अप पॉलिसी से होगा। वेटिंग पीरियड और एक्सक्लूजन बेस प्लान जैसे ही होता है। इसके लिए न्यूनतम 3 लाख रुपए का बेस प्लान जरूरी होता है। पर बेस प्लान से कम का खर्च कवर नहीं होता है। यह छोटे हॉस्पिटलाइजेशन के लिए किसी काम का नहीं है।

किसके लिए है फायदेमंद?

अगर आपके पास कंपनी का हेल्थ कवर है या बजट सीमित है, तो सुपर टॉप-अप प्लान बेहतरीन विकल्प है। यह नौकरीपेशा, युवा और फैमिली फ्लोटर चाहने वालों के लिए कारगर है। बेसिक पॉलिसी के बाद यह कम प्रीमियम में बड़ा कवर देता है।

किनके लिए ठीक नहीं…

यह उन लोगों के लिए ठीक नहीं है, जिनके पास बेस हेल्थ पॉलिसी नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह तभी काम करता है जब आप तय डिडक्टिबल अमाउंट खुद भर दें। जिन्हें बार-बार छोटे मेडिकल बिल की जरूरत पड़ती है या सीनियर सिटीजन जिनके पास बेस कवर नहीं है, उन्हें यह महंगा साबित हो सकता है।