5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Green Home Loan क्या है? इसमें मिलते हैं कम ब्याज दर समेत ये खास फायदे

Green Home Loan में ब्याज दर कम होती है। यह इको फ्रेंडली घर होता है। इसलिए यूटिलिटी बिल कम आता है, जिससे लॉन्ग टर्म में काफी पैसा बचता है।

3 min read
Google source verification
Green Home Loan

ग्रीन होम लोन में ब्याज दर कम रहती है। (PC: Gemini)

What is Green Home Loan: क्या आपने कभी ग्रीन होम लोन के बारे में सुना है? अगर आप नया घर खरीदने के प्लानिंग कर रहे हैं, तो इस बारे में विचार कर सकते हैं। क्लाइमेट चेंज को लेकर हाल के वर्षों में अवेयरनेस काफी बढ़ी है। ऐसे में विभिन्न इंडस्ट्रीज में सस्टेनेबल तरीकों को बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है। रियल एस्टेट सेक्टर भी इससे अछूता नहीं है। घर खरीदार भी अब पर्यावरण के प्रति जागरुक हो रहे हैं।

इको-फ्रेंडली घर

बड़ी संख्या में घर खरीदार ग्रीन बिल्डिंग में घर खरीदना चाहते हैं या अपने घर को रेनोवेट कर इको-फ्रेंडली बनाना चाहते हैं। इसके पीछे एक उद्देश्य कार्बन फुट प्रिंट को कम करना भी है। ऐसे ग्राहकों के लिए ही ग्रीन होम लोन कैटेगरी है। इस लोन की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। बेसिक होम लोन के सीईओ और को-फाउंडर अतुल मोंगा ने कहा, 'अगर आप पर्यावरण के अनुकूल घर बनाना चाहते हैं, एनर्जी एफिशिएंट घर खरीदना चाहते हैं या अपने मौजूदा घर को इको-फ्रेंडली बनाना चाहते हैं, तो आप ग्रीन होम लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। यहां आपको कम ब्याज दर मिलेगी और शर्तें भी बेहतर होंगी।'

ग्रीन होम लोन के फायदे

मिलेगी कम ब्याज दर: मोंगा ने बताया कि ग्रीन होम लोन कम ब्याज दर पर मिल जाता है। कई बैंक और वित्तीय संस्थान साधारण होम लोन के बजाए ग्रीन होम लोन पर काफी कम ब्याज लेते हैं। इस तरह ग्राहकों के लिए घर खरीदना ज्यादा अफॉर्डेबल हो जाता है। यह लोन लेकर ग्राहक एनर्जी एफिशिएंट और सस्टेनेबल प्रॉपर्टी में निवेश कर सकते हैं।

कार्बन फुट प्रिंट में कमी: ग्रीन होम में संसाधनों की खपत कम होती है और इनसे कार्बन फुटप्रिन्ट भी कम होता है। इन्हें बनाने के लिए सस्टेनेबल मटीरियल और सस्टेनेबल सिस्टम काम में लिए जाते हैं। ऐसे में इस तरह के घर पर्यावरण संरक्षण में योगदान देते हैं।

युटिलिटी बिल में कमीः इन घरों में एनर्जी एफिशिएंट तकनीकें जैसे सोलर पैनल काम में लिए जाते हैं, जिससे बिजली और पानी का बिल कम हो जाता है। इस तरह लंबी अवधि में ये काफी पैसा बचाते हैं।

बढ़ेगी प्रॉपर्टी की कीमत: बीते कुछ वर्षों से ग्रीन होम की बढ़ती मांग के कारण इको-फ्रैंडली प्रॉपर्टी की कीमतें भी बढ़ी हैं। इस तरह आप ग्रीन फीचर्स में निवेश कर अपनी प्रॉपर्टी से बेहतर रिटर्न पा सकते हैं।

सरकार देती है इन्सेंटिव: मोंगा ने बताया कि भारत सरकार ग्रीन इमारतों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं और सब्सिडी लेकर आई है। ऐसे में ग्रीन होम में निवेश करने वाले ग्राहकों को इन योजनाओं का ज्यादा फायदा मिलता है।

ग्रीन होम लोन की खामियां

ज्यादा आएगी शुरुआती लागत: ग्रीन होम बनाने के लिए काम में ली जाने वाली तकनीकों की शुरूआती लागत ज्यादा होती है। हालांकि, लंबे समय में इनसे बचत ही होती है। एक अनुमान के अनुसार, आम घर के बजाए ग्रीन होम बनाना 2 से 10 फीसदी महंगा पड़ सकता है। इसी वजह से लोग ग्रीन होम का विकल्प चुनने से पहले सोचते हैं।

सीमित उपलब्धताः कुछ फाइनैंशियल इंस्टीट्यूट ग्रीन होम लोन नहीं देते। हालांकि, एसबीआई और एचडीएफसी जैसे बड़े बैंक इस कैटेगरी में लीडर हैं। अन्य बैंकों ने भी इस डोमेन में शुरूआत कर दी है।

जागरुकता की कमीः सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिए जाने के बावजूद ग्रीन होम और ग्रीन होम लोन के बारे में जागरुकता की कमी है।