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क्या सुस्त पड़ गया Mutual Fund मार्केट? इस साल 68% घटी नई स्कीम्स की लॉन्चिंग, जानिए वजह

New NFO launch: साल 2025 के पहले छह महीने में म्यूचुअल फंड्स ने 29 ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम लॉन्च की हैं। इनसे 12,543 करोड़ रुपए जुटाए गए हैं। जबकि साल 2024 की समान अवधि में 37 एनएफओ ने 38,655 करोड़ रुपए जुटाए थे।

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भारत

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Pawan Jayaswal

Jul 19, 2025

New Mutual Funds schemes

इस साल नई म्यूचुअल फंड स्कीम्स की लॉन्चिंग घटी है। (PC: Pexels)

साल 2024 में शानदार प्रदर्शन के बाद भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग में इस साल न्यू फंड ऑफर्स (NFO) की चमक फीकी पड़ती नजर आ रही है। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, शेयर बाजार के आउटलुक को लेकर अनिश्चितता और पिछले साल के कई एनएफओ में हुए नुकसान के कारण निवेशक सतर्क हैं। वे नए फंड्स की बजाय स्थापित इक्विटी फंड्स की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। वैल्यू रिसर्च और 5पैसा के आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 में फ्लेक्सी कैप और सेक्टोरल फंड्स ने 12 से 18% तक रिटर्न दिए। जबकि डेट फंड्स ने 6 से 9% की स्थिर आय प्रदान की है। ऐसे में निवेशक एनएफओ की अनिश्चितता के बजाय इन फंड्स में निवेश को सुरक्षित मान रहे हैं।

6 महीने में लॉन्च हुईं 29 ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम

एम्फी के डेटा के मुताबिक, वर्ष 2025 की पहली छमाही में म्यूचुअल फंड्स ने 29 ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम लॉन्च की और इनसे 12,543 करोड़ रुपए जुटाए। जबकि 2024 की समान अवधि में 37 एनएफओ ने 38,655 करोड़ रुपए जुटाए थे। वहीं, पिछले साल की दूसरी छमाही में 44 एनएफओ ने करीब 56,000 करोड़ रुपए जुटाए थे। इस बीच म्यूचुअल फंड्स ने फैक्टर फंड्स की पेशकश पैसिव से एक्टिव की ओर कर दी है। फैक्टर फंड्स पोर्टफोलियो बनाने के लिए एक या एक से अधिक कारकों जैसे क्वालिटी, मोमेंटम, वैल्यू और लो-वोलैटिलिटी पर ध्यान केंद्रित करने वाले निवेश मॉडल का इस्तेमाल करते हैं।

क्यों घटे एनएफओ?

भारतीय शेयर बाजार में अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 के बीच हुई बिकवाली और उसके बाद आई रिकवरी के बाद कई सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स के रिटर्न में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव देखा गया है। इस उतार-चढ़ाव ने निवेशकों को परेशान कर दिया है। इसके चलते नए प्रोडक्ट्स की डिमांड कम हो गई है।

म्यूचुअल फंड्स का मिडकैप शेयरों पर अधिक दांव

जून 2025 में एक्टिव म्यूचुअल फंड स्कीमों की खरीदारी 5 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के मुताबिक, यह खरीदारी लगभग 44,900 करोड़ रुपए की रही। वहीं, इक्विटी फंड्स में निवेश 30,000 करोड़ रुपए रहा। म्यूचुअल फंड्स ने सबसे अधिक मिडकैप शेयर खरीदे। हालांकि, जुलाई में म्यूचुअल फंड्स की खरीदारी का जोश थोड़ा कम हुआ और अब तक कुल निवेश 11,456 करोड़ रुपए रहा। कुल 44,900 करोड़ की नेट खरीदारी में से लार्जकैप की हिस्सेदारी 11,800 करोड़, मिडकैप की 19,400 करोड़ और स्मॉलकैप शेयरों की 9,500 करोड़ रुपए रही।