मसौदे की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि मॉल, शॉपिंग, ऑफिस और आवासीय परिसरों में 10 फीसदी पार्किंग जगह इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आरक्षित रखने और इससे संबंधित बुनियादी ढांचा विकसित करने की सिफारिश की गई है।
नीति आयोग के मसौदे में कहा गया है कि चुनिंदा शहरों में नए पेट्रोल व डीजल वाहनों का पंजीकरण चरणबद्घ तरीके से बंद किया जाना चाहिए और 2030 में इसे पूरी तरह बंद किया जाना चाहिए। इसके अलावा देश के 10 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में हर साल एक निश्चित संख्या में इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण अनिवार्य बनाए जाने की बात है।
मसौदे में आयोग ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कार पूलिंग या शेयरिंग पर जोर दिया है। मसौदे में कहा गया है कि इससे देश की सडक़ों पर वाहनों की संख्या में कमी आ सकती है और लोगों को निजी कार से कई गुना सस्ता विकल्प मिल सकता है। मसौदे के मुताबिक सरकार सार्वजनिक खरीद के जरिए इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को बढ़ावा देगी। आयोग का अनुमान है कि जनवरी 2019 के बाद सभी केंद्र सरकार और केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के वाहन इलेक्ट्रिक होंगे।
बिजली क्षेत्र की सरकारी कंपनियों द्वारा प्रवर्तित कंपनी ईईएसएल ने 10 हजार इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए निविदा जारी की है जिनका इस्तेमाल बिजली मंत्रालय के विभिन्न विभागों और कार्यालयों में किया जाएगा। अभी और कई निविदाएं जारी होने वाली हैं।