
पुरानी कार बेचते समय ऐसे किया जाता है फ्रॉड, खरीदार को होता है लाखों का नुकसान
नई दिल्ली: आजकल सेकेंड हैंड मार्केट तेजी से बढ़ रहे हैं, ऑनलाइन हो या ऑफलाइन यूज्ड कार मार्केट ऑटोमोबाइल सेक्टर का एक बड़ा बाजार बनकर उभरा है। भले ही इसका ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा हो लेकिन सेकेंड हैंड मार्केट भी फ्रॉड से अछूता नहीं है। पुरानी कारों की ज्यादा कीमत ऐंठने के लिए लोग तरह-तरह से खरीदार को चूना लगाते हैं। इसीलिए आज हम आपको पुरानी कारों की जालसाजी से जुड़ी कुछ बातें बता रहे हैं ताकि आप किसी भी तरह के फ्रॉड से बच सकें।
मीटर के साथ छेड़छाड़- कार की ज्यादा कीमत पाने के लिए लोग सबसे पहले मीटर के साथ छेड़छाड़ करते हैं ताकि कार कम चली लगे। आप इस ठगी से सर्विस हिस्ट्री और ओडोमीटर की रीडिंग की तुलना कर बच सकते हैं। डीटेल्स के लिए कार के VIN नम्बर को चेक कर कार की सर्विस हिस्ट्री पात कर सकते हैं।
गलत लिस्टिंग- अक्सर लोग ऑनलाइन किसी और कार की पिक्चर लगाते हैं लेकिन बेचते दूसरी कार है तो कार खरीदने से पहले एक बार खुद जाकर फाइनल प्रोडक्ट देखकर आए। इसके अलावा लोग ऑनलाइन कार के फीचर्स बढ़ा चढ़ा कर लिखते हैं लेकिन हकीकत उससे अलग होती है तो बेस्ट तरीका है कि कार खरीदने से पहले न सिर्फ जाकर देखें बल्कि खुद कार को चलाकर भी देखें।
पेपरवर्क के बाद ही करें पेमेंट-
एक्सपर्ट के साथ जाकर देखें कार- कार देखने के लिए जाते समय किसी अच्छे मकैनिक या एक्सपर्ट को लेकर जाएं। कभी भी डीलर के एक्सपर्ट पर यकीन न करें। अगर आपका एक्सपर्ट कार को लेने लायक बताए तभी लें। एक्सपर्ट न सिर्फ कार की मशीनरी बल्कि पेंट और टायर देखने पर भी बता सकता है कि कार को बेचने के लिए तैयार किया गया है या असल में ये ऐसी है। ज्यादा शाइनी पेंट और टायर देखकर धोखा न खाएं।
Published on:
15 Mar 2019 12:09 pm
बड़ी खबरें
View Allकार
ऑटोमोबाइल
ट्रेंडिंग
