
Tips for CNG Cars Mileage
Tips to Increase CNG Cars Mileage : अगर आप एक सीएनजी कार के मालिक हैं, तो हो सकता है कि आप इसे और अधिक समय तक चलाना चाहें। लेकिन बढ़ते समय के साथ आपकी CNG कार का माइलेज कम हो सकता है। सीएनजी वाहन मालिक अक्सर अपनी कारों के खराब माइलेज को लेकर चिंतित रहते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं, कि आप अपना माइलेज पेट्रोल कारों की तुलना में 40 से 50% तक बढ़ा सकते हैं। यानी अगर आपकी कार एक लीटर पेट्रोल में 10 किमी चल रही है, तो आप एक किलोग्राम सीएनजी के साथ 14 - 15 किमी माइलेज ले सकते हैं। आइए बताते हैं, ऐसे ही कुछ माइलेज बढ़ाने वाले टिप्स के बारे में :
साफ एयर फिल्टर
सबसे पहले आपको अपनी कार के एयर फिल्टर का अच्छे से ख्याल रखना चाहिए। आपको इसे प्रत्येक 5000 किमी की सवारी के लिए बदलना चाहिए। क्योंकि सीएनजी हवा की तुलना में बहुत हल्की होती है, वायु और ईंधन के अनुपात आदर्श रखने के लिए एयर फिल्टर साफ होना चाहिए। इसके लिए आप चाहे तो K&N फिल्टर का इस्तेमाल कर सकते हैं, मार्केट में मौजूद कुछ मूल एयर फिल्टर बॉक्स में अच्छी तरह से फिट बैठते है, और इन्हें स्थापित करने के लिए किसी बदलाव की भी आवश्यकता नहीं होती है। K&N फिल्टर को नई कारों पर स्थापित किया जाना चाहिए क्योंकि इनमें असीमित जीवन काल होता है, और मौजूदा पेपर फिल्टर कार्ट्रिज की तुलना में यह अधिक किफायती होता है।
15000 km के बाद बदलें स्पार्क प्लग
सीएनजी वाहन का ज्वलन तापमान Ignition temperature पेट्रोल कार की तुलना में अधिक होता है। इसलिए, सीएनजी कारों को एक मजबूत स्पार्क प्लग की आवश्यकता होती है। आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपकी कार में कार निर्माता द्वारा निर्धारित समान कोड और हीट रेंज के साथ स्पार्क प्लग का एक अच्छा सेट लगा है। बता दें, सिल्वर स्पार्क प्लग सामान्य की तुलना में बेहतर होते हैं, और आपके वाहन में लगे अच्छे स्पार्क प्लग यह सुनिश्चित करेंगे कि गैस ईंधन-वायु का मिश्रण पूरी तरह से इग्नाइट हो रहा है, जिसके परिणामस्वरूप सीएनजी किट का माइलेज अधिक बढ़ेगा।
टायर प्रेशर की करें जाँच
विशेष रूप से गर्मियों और सर्दियों में टायर के दबाव को बार-बार जांचना बेहद महत्वपूर्ण है। टायर प्रेशर अगर बैलेंस नहीं है, तो आपके वाहन का माइलेज कम हो सकता है। लो टायर प्रेशर का मतलब है सड़क और टायर के बीच बढ़ा हुआ संपर्क क्षेत्र। लो टायर प्रेशर से रबर और सड़क के बीच घर्षण बढ़ जाता है, जिसके परिणामस्वरूप ईंधन की खपत अधिक होगी। इसलिए, आपको हमेशा निर्माता के विनिर्देशों के अनुसार टायरों को फुलाकर रखना चाहिए और बहुत ठंडे और बहुत गर्म परिस्थितियों में और साथ ही ड्राइव के बाद अपने टायर के दबाव की जांच करनी चाहिए।
Updated on:
29 May 2022 04:24 pm
Published on:
29 May 2022 04:21 pm
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