
गाड़ियों में नाइट्रोजन हवा भरवाना होगा जरूरी, जल्द बन सकता है नियम
नई दिल्ली: बाइक हो या कार, टायरों में नाइट्रोजन भरवाना दोनो के लिए फायदेमंद होता है। नाइट्रोजन ( nitrogen ) भरवाने से गाड़ियों को काफी फायदा होता है। लेकिन फिर भी लोग नाइट्रोजन को पहली प्रिफरेंस नहीं देते। यही वजह है कि सरकार अब टायरों में सामान्य कंप्रेस्ड हवा की जगह नाइट्रोजन हवा का इस्तेमाल करने की योजना पर काम कर रही है। दरअसल गर्मियों में वाहनों के टायर फटने के कई मामले सामने आते हैं। टायर फटते ही वाहन अनियंत्रित हो जाने की वजह से एक्सीडेंट हो जाते हैं।
रोड एक्सीडेंट ( road accidents ) रोकने के लिए हो रहे इंतजाम-
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपने बयान में कहा है कि 2016 में 133 और 2017 में 146 लोगों की मौत सीमेंट कंक्रीट राजमार्ग पर टायर फटने की वजह से हुई है। इसे देखते हुए हमने टायर निर्माताओं को टायर के रबर के साथ सिलिकॉन और हवा के बजाय नाइट्रोजन का इस्तेमाल को अनिवार्य करने पर विचार कर रहे है।
गडकरी ने कहा कि अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों में टायर के निर्माण में रबर के साथ सिलिकॉन डाला जाता है। इससे अधिक गति पर टायर का तापमान बढ़ने से इसके फटने की शिकायतें कम हो सकती है। साथ ही टायरों में नाइट्रोजन भरवाने से टायर ठंडा रहता है। इन दोनों बातों को अनिवार्य बनाने पर विचार किया जा रहा है।
टायर में हवा का सही होना है बेहद जरूरी-
टायरों में हवा का सही होना जरूरी होता है। कम या ज्यादा हवा गाड़ी के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। दरअसल हवा का दबाव ठीक न होने के कारण तेजी से घूमते टायर में बहुत ज्यादा तनाव उत्पन्न होता है। गलत दबाव के कारण पहिये चरमराने लगता है और बहुत देर तक ऐसा होने के बाद अचानक टायर फट जाता है। जिसकी वजह से खतरनाक रोड एक्सीडेंट तक हो जाते हैं।
Published on:
11 Jul 2019 12:43 pm
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