
अरबपतियों को भी इन शहरों में नहीं है कार चलाने की इजाजत, वजह है बेहद खास
नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के अलावा एक और चीज है जिसने कार चलाने के फैसले को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। वो है बढ़ता प्रदूषण। सभी देश कारों से निकलने वाले कार्बन को रोकने के लिए कई सारे कदम उठा रहे हैं। कुछ ने विशेष प्रकार के ईंधन को बढ़ावा देने की बात कर रहे हैं तो कुछ देशों ने तो अपने कई शहरों में कारों के चलाने पर ही रोक लगा दी है। कई शहरों ने जहां इसके लिए टाइमलाइन की घोषणा कर दी है तो कई अभी प्लानिंग स्टेज में हैं। यानि इन शहरों में अगर आप रहेंगे तो आपको पब्लिक व्हीकल ही इस्तेमाल करना होगा पर्सनल कार चलाने की इजाजत नहीं होगी। चलिए आपको बताते हैं ऐसे ही कुछ शहरों के नाम-
Oslo- नार्वे की राजधानी oslo के सिटी सेंटर इलाके में अगले साल यानि 2019 से कार चलाने पर बैन लग जाएगा। आपको मालूम हो कि 2025 से नार्वे की सरकार पूरे देश में इस नियम को लागू कर देगी यानि नार्वे जाने पर आपको पब्लिक ट्रांसपोर्ट में ही सफर करना पड़ेगा।
लंदन- लंदन के कुछ विशेष इलाकों में डीजल कार ले जाने पर फिलहाल कार के मालिक को 12.5 पाउंड देना पड़ता है। 2020 से यहां डीजल कार चलाना पूरी तरह से बंद हो जाएगा।
स्पेन में भी लगेगा बैन- 2020 से स्पेन की सरकार 500 एकड़ में फैले मैड्रिड सिटी सेंटर में कार चलाने पर रोक लगाने वाली है।शहर की बाकी जगहों पर भी कार चलाने को कम करने के प्रयास किये जा रहे हैं।इन नियमों को न मानने पर 7000 रुपये का जुर्माना देना होगा।
पेरिस- पेरिस में भी वर्ष 2020 तक कुछ सड़कों पर सिर्फ इलेक्ट्रिक कारें चलेंगी। पेरिस में वीकडेज पर 20 साल पुरानी कार चलाने पर अभी से बैन लगा हुआ है।
इसके अलावा यूरोप के डेनमार्क में भी इस बैन पर विचार किया जा रहा है। कोपेनहगेन को 2025 तक कार्बन मुक्त बनाने की योजना के तहत ऐसा किया जाएगा।
Published on:
07 Sept 2018 04:13 pm
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