
नई दिल्ली: ऑटोमोबाइल सेक्टर मंदी के दौर से गुजर रहा है। इससे निपटने के लिए जहां कंपनियों ने अब छंटनी शुरू कर दी है। सरकार ने इस उद्योग की परेशानियों को देखते हुए जहां एक ओर रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ाने के फैसले को कुछ दिनों के लिए टाल दिया है वहीं अब सरकार ने इस उद्योग को राहत देने के लिए एक और फैसला लिया है। सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के बाद अब हाइब्रिड गाड़ियों पर जीएसटी रेट कम करने का फैसला किया है।
सड़क परिवहन मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर हाइब्रिड वाहनों पर माल और सेवा कर को 28% से कम करने के लिए कहा है। कर के लिए सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था, गतिशीलता के स्वच्छ स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए पिछले महीने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए दर को 5% तक घटा दिया है। हाइब्रिड वाहनों के लिए जीएसटी में कमी से वाहन निर्माताओं को थोड़ी राहत मिलेगी।
हाइब्रिड वाहन क्या होते हैं-
जिन गाड़ियों को चलाने के लिए दो या दो से अधिक ऊर्जा स्रोतों का इस्तेमाल किया जाता है। उन्हें हाइब्रिड वाहन की श्रेणी में रखा जाता है। सरल शब्दों में कहे तो इस तरह के वाहनों में दो तरह के इंजन लगाए जाते हैं। यानि जिन वाहनों में एक पेट्रोल या डीजल इंजन , और दूसरा इलेक्ट्रिक इंजन होता है। इस तरह के वाहनों में दोनों इंजन वाहन को पावर सप्लाई करते हैं। इन्हे हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स भी कहा जाता है। hyundai Sonata और Maruti Baleno हाइब्रिड गाड़ियों के उदाहरण हैं।
Published on:
25 Aug 2019 10:01 am
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